अंतर्राष्ट्रीयधर्म/आध्यात्मयूपीसाहित्य
पाने को कृपा राघव हिया में बुलाएं
आचार्य धीरज द्विवेदी "याज्ञिक"

सिया के पिया ने,है जो भी दिया,
हम उस दिया में,भक्ति बाती लगाएं।
भाव में भरकर श्रद्धा विश्वास से,
प्रेम के दिया में,अवगुणों को जलाएं।
निर्मल मन संग,ये मानव तन दिया,
ऐसे सुंदर दिया को,व्यर्थ न गंवाएं।
जलाएं दिया,मिलि हर्षाएं जिया,
पाने को कृपा,राघव हिया में बुलाएं।
।। आचार्य धीरज द्विवेदी “याज्ञिक” ।।



