कर्तव्य और अधिकार का अच्छा बोध होना समस्या का खुद समाधान होगा -प्रो. संजीव कुमार

अहरौला। बुधवार को मां शारदा महाविद्यालय शंभूपुर गहजी मे रजत जयंती समारोह का आयोजन किया गया पूरा आयोजन दो सत्रों में विभाजित किया गया था पहले सत्र में बौद्धिक कार्यक्रम व उसी दिन शाम 6:00 बजे से कवि सम्मेलन और लोक नृत्य का कार्यक्रम आयोजित किया गया। बौद्धिक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. नरेश गौतम, विशिष्ट अतिथि के रूप में महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय आजमगढ के कुलपति प्रो. संजीव कुमार, जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया के कुलपति प्रो. संजीत कुमार गुप्ता, आदि लोगों ने सहभाग किया कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. नरेश गौतम ने कहा संस्कार शिक्षा समाज के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज है शिक्षा और संस्कार के बिना विकास का होना संभव नहीं है कहां की ग्रामीण क्षेत्र में इतना बड़ा महाविद्यालय और इतनी तरह के डिग्रियां और डिप्लोमा मे मान्यताप्राप्त संचालित करना स्कूल के प्रबंधक भूरी -भूरी प्रशंसा करता हूं जो इस ग्रामीण अंचल में इस तरह के शिक्षा के क्षेत्र में अलौकिक काम किया है। वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय आजमगढ़ के कुलपति प्रो. संजीव कुमार ने कहा जितना हम अपने अधिकार के बारे मे जानते हैं उतना ही हमें अपने कर्तव्य के बारे में भी जानना होगा अक्सर लोग अपने अधिकारों को जानते है अपने कर्तव्य को ही भूल जाते हैं इसलिए हर व्यक्ति को जितना अपने अधिकार के बारे में जानते हैं उतना ही हम अपने कर्तव्य बोध के बारे में भी जाने और उसका पालन करें जिससे कहीं कोई समस्या अधिकार क्षेत्र और कर्तव्य क्षेत्र में नहीं आएगी। कुलपति प्रोफेसर संजीव कुमार ने कहा की छात्र-छात्राएं शिक्षा लेने विद्यालय और विश्वविद्यालय आए उपाधि लेने के लिए न सोचें उपाधि तो उन्हें खुद ब खुद मिल जाएगी। कार्यक्रम को पूर्व कुलपति प्रोफेसर हरिकेश सिंह, प्रोफेसर संजीव कुमार गुप्ता कुलपति जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया, डॉ घनश्याम सिंह पूर्व महामंत्री अखिल भारतीय विश्वविद्यालय शिक्षक संघ, डॉ. उदय पाल सिंह, प्रो. लालजी त्रिपाठी, पूर्व मंत्री शंभू नाथ सिंह, आदि लोगों ने संबोधित किया। कार्यक्रम में श्री श्री 1008 दुर्वासा महामंडलेश्वर मौनी बाबा के कृपा पात्र संत महंत शुभम दास, दैवज्ञ मुन्ना बाबा, राजबली पांडे, ने अपने आशीर्वचनों से कार्यक्रम को संबोधित किया कहां की दुर्वासा महामंडलेश्वर ब्रह्मलीन संत मौनी बाबा की कृपा और यह पूरा क्षेत्र ऋषि दुर्वासा की तपोस्थली के अंतर्गत आता है यहां का पूरा क्षेत्र शिक्षा और संस्कार से भरा हुआ है। वही स्कूल के प्रबंधक फौजदार सिंह, प्राचार्य डॉ दिवाकर सिंह, डॉ. प्रमोद मिश्रा, आए हुए अतिथियों को अंगवस्त्र, स्मृति चिन्ह और स्कूल की स्मारिका देकर सम्मानित किया। प्रबंधक फौजदार सिंह ने आए हुए सभी अतिथियों का आभार जताया। इस मौके पर डॉ. धर्मराज सिंह, डॉ. अशोक सिंह, डॉ जगदंबा प्रसाद उपाध्याय मनोज चौब, प्रवीण कुमार सिंह, आदि लोग मौजूद रहे।