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सत्य के बराबर कोई धर्म नहीं है और झूठ से बड़ा कोई पाप नहीं 

    कथा वाचक पंडित मदन मोहन शास्त्री

अहरौला। क्षेत्र के सुल्तानीपुर गांव मे सात दिवसीय भागवत कथा यज्ञ के क्रम में छठे दिन मथुरा वृंदावन से आए कथा वाचक पंडित मदन मोहन शास्त्री ने कहा कि पूरे श्रीमद् भागवत में श्री कृष्णा धर्म और ज्ञान का उपदेश दिया कहा कि आत्मा अजर और अमर है इसे ना अग्नि जला सकती है ना पवन सुखा सकता है ना सागर इसे डूबा सकता है और स्वयं धर्म की रक्षा के लिए पांडवों के सारथी बने और महाभारत के युद्ध में धर्म की विजय हुई। कृष्ण को लेकर अकरुर गोकुल से मथुरा जाने का वर्णन किया अक्रूर भगवान कृष्ण को मथुरा लेकर जाते हैं लेकर जाते हैं अक्रूर को भी एक बार कृष्ण के परम ब्रह्म होने पर शंका होती है और वह यमुना नदी में स्वयं स्नान करने पहुंच जाते हैं और जैसे ही अक्रूर यमुना नदी में डुबकी लगाते हैं तो भगवान श्री कृष्ण को यमुना के अंदर रथ पर आरुढ होकर हंसता हुआ देखते हैं जिससे अक्रूर पुन: एक बार मैदान में खड़े श्री कृष्णा और फिर डुबकी लगाकर यमुना में खड़े कृष्ण को बार-बार देखते हैं और इस विलक्षण दृश्य से भगवान श्री कृष्ण को पहचान कर प्रणाम कर प्रभु के परम दर्शन भी करते हैं। कृष्णा ने अखरोट से कहा की मन ही बंधन और मोक्ष का कारण है कुछ देर के लिए आपका मन चंचल हो गया था जब तक अंतःकरण शुद्ध नहीं होता तब तक पूजा पाठ बेकार है सच्चे मन से ही प्रभु की भक्ति सबसे बड़ा मोक्ष का साधन है कहां की सत्य से बड़ा कोई धर्म नहीं है और झूठ से बड़ा कोई पाप नहीं है। हमें रामराज लाने के लिए परिवार में राम जैसा भाई का चरित्र और भरत और लक्ष्मण जैसा समर्पण तो गुरु भी विश्वामित्र जैसा होना अति आवश्यक है। इस मौके पर कथा के आयोजन में पंडित जनार्दन पांडेय, डॉ. चंद्रभान पांडेय, शशांक पाण्डेय, डॉ दिनेश पांडेय, अवधेश सिंह, प्रिंस मिश्रा, हर्षित पांडेय, आदि लोग मौजूद रहे।

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