
देश भर में नवरात्रि को लेकर धूम मची रहती हैं। लोगों में खास उत्साह देखने को मिलता रहता हैं।नौ दिनों के उत्सव को श्रद्धा समर्पण और उत्साह के साथ मनाया जाता हैं। इस वर्ष नवरात्रि त्योहार भी मनाया जाएगा। नवरात्रि, त्योहार के रूप में पूजा,जप तप दान पुण्य आदि का विशेष लक्ष्य बनाकर एक अनमोल उत्सव के रूप में बताया गया है। नवरात्रि नौ दिनों तक निरंतर चलता है जिसमें देवी मां के अलग-अलग स्वरूपोंकी लोग भक्ति और निष्ठा के साथ पूजा अर्चना करते हैं। भारत नवरात्रें में अलग-अलग राज्यों में विभिन्न तरीकों से और विधियों संग मनाई जाती हैं। देवी मां ने महिषासुर राक्षस का वध किया था। इस राक्षस को ब्रह्मा जी का वरदान प्राप्त था। इसने बहुत उत्पात मचाया और अत्याचारों से लोग परेशान थे तब ब्रह्मा विष्णु और महेश जी ने अपनी शक्ति को मिलाया और देवी दुर्गा की सृष्टि की थी। देवी दुर्गा को इस शक्ति नवरात्रि के इस त्योहार में धूम धाम से मनाया जाता हैं। नवरात्रि के पहले दिन शैलपुत्री मां की पूजा की जाती हैं। इनकी उपासना करने से मन की अशांति को दूर किया जाता हैं। ब्रह्मचारिणी स्वरूप की अराधना की जाती हैं। इसका मतलब है कि हम इस दुनियां में अपना एक मुकाम हासिल कर सके। नवरात्रि के तीसरे दिन भक्त देवी दुर्गा का चंद्र घंटा स्वरूप की पूजा करते हैं। चंद्रघंटा इसलिए नाम पड़ा कि मां का स्वरूप चांद की तरह चमकता है मन के नकारात्मक प्रभाव दूर करता हैं। नवरात्रि के चौथे दिन लोग दुर्गा मां के कूष्मांडा स्वरूप की पूजा को करते हैं। इनकी पूजा अर्चना कर उन्नति की राह पर चलता है, नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती हैं।इनको कार्तिकय माता भी कहा जाता हैं। भक्तों व्याहारिक ज्ञान को विकसित करने के लिए आशीर्वाद मिलता है, नवरात्रि छटे दिन देवी दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप की पूजा अर्चना की जाती हैं। मां कात्यायनी की अराधना से मनुष्य के नकारात्मक विचार खत्म हो जाते हैं। सातवे दिन देवी दुर्गा के रूप कालरात्रि के स्वरूप की पूजा की जाती हैं। लोगों को अपने जीवन में यश सम्मान और कीर्ति की प्राप्ति होती हैं। नवरात्रि के आठवें दिन दुर्गा के महागौरी के स्वरूप की अराधना की पूजा अर्चना की जाती है, मनुष्य के मन की इच्छा पूरी जाती हैं। नवरात्रि के नौ वे दिन देवी दुर्गा सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा की जाती है इस पूजा अर्चना से हमें ताकत मिलती है अधूरे कार्यों में सफलता प्राप्त होती हैं। नवरात्रि के इस उत्सव पर पौराणिक कहानियां भी प्रचलित है। इस तरह से देवी दुर्गा की अराधना की जाती हैं।इन नौ दिनों की पूजा के बाद दसवें दिन रावण के वध बाद इस उत्सव को दशहरा के रूप में भी मनाया जाता हैं।
मंगल व्यास भारती चूरू राज




