
आई दिवाली, आई दिवाली,
खुशियों की सौगात लाई।
रंग-बिरंगी फुलझड़ियाँ लाई,
नए-नए कपड़े सबने पहने भाई।
दीपों से घर जगमगाए,
मिठाइयों से मन हरसाए।
धनतेरस को धन पूजेंगे,
रूप चौदस को सुंदर बनेंगे।
अमावस्या को लक्ष्मी जी पूजेंगें
अगले दिन गोवर्धन जी पूजेंगें।
फिर आए भाई दूज प्यारी,
मुस्कानें लाए त्योहार सारी।
पाँच दिवस की मस्ती छाई,
देखो-देखो दिवाली आई।
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अनिता राठौर
कोटा (राज.)




