
छठी मैंया हैं बड़ी कृपालु
महिमा बड़ी आपार है।
वेदों में इनका जिक्र हुआ है
जाने ये सब संसार है।
रावण वध करके जब
राम सिया संग आए थे ।
लगा ब्राह्मण हत्या दोष
उन्हें ऋषियों ने बताए थे ।
तब ऋषियों ने उनसे कहे
सूर्य की करो वत्स पूजा
सूर्य भष्म करेंगे हत्या दोष
उपाय नहीं है कोई दूजा।
ऋषि मुनि के निर्देशन में
हुआभव्य सूर्योपासना अनुष्ठान
छठपूजा करी माँ सिया ने आज भी…
मिलता मुंगेर घाट पर परमान।
एक कथा महाभारत में भी
सुनने में है बड़ा प्रसिद्ध…
सूर्योपासना करके कुंती ने
किया पांडव विजय को सिद्ध।
राज प्रियंबद और मालिनी की…
कथा को जाने सकल जहान ।
दुखी रहते थे दिन रात राजा रानी …
थीं नहीं उनकी कोई संतान।
तब कश्यप मुनि उन्हें सुझाया…
पुत्रेष्टि यज्ञ के बारे राजन को
विस्तारपूर्वक मुनि ने बताया।
यज्ञ हुआ जब विधि से संपन्न
हव्य रानी प्रसाद में पाई थी…
बिना विलंब किए रानीने …
विधि विधान से हव्य खाई थीं।
राजा प्रियंबद .. रानी मालिनी को
पुत्र तो हुआ था … प्राप्त
किन्तु परंतु कुछ हो गया था अनर्थ
जन्म लेते पुत्र मर गया ….
सकल तपस्या हो गई व्यर्थ।
पुत्र के शव को जंगल की ओर
राज रानी रोते बिलखते ले चले
प्राण त्याग की मन में…
अटल निश्चय करके चले …
अचानक से प्रकट हुई. देवी देवसेना
सब बच्चों की मै रक्षा करती हूं..
जीवित करूंगी तुम्हारा भी मृत बालक …
तुम मानो मेरा कहना ।
राजा रानी के मृत पुत्र को…
देवसेना ने पलक झपकते जिलाई ।
वहीं हैं कात्यायनी, छठी मैया
अपना नाम खुद ही बताई ।
देवसेना राजा रानी से बोली
मै सभी बालकों की रक्षक हूं
जाओ सबको बताओ।
छठी मैया के रूप में…
मेरा पूजन करावाओ।
राजा प्रियंबद रानी मालिनी ने
विधि विधान से किया छठी पूजन ..
दो दिन रहे उपास …फिर..
सूर्य को अस्त उदय मेंअर्घ्य देकर .
ग्रहण किए थे पारण भोजन।
छठी मैया के कृपा से मृत बालक को
पुनः वो जीवित वो पाए थे…
सभी जनता करो छठी माँ की पूजन
राजा रानी ये सकल
राज्य में मुनादी पिटवाए थे ।
छठी मैया की महिमा
सच में बड़ी निराली है…
छठी मईया के कृपा से ही…
आती घर में खुशहाली है ।
छठी मैया का प्रसाद खजूर, ठेकुआ
आटा घी से बने सबके मन भाता है।
नारियल सेब संतरा नींबू
बाजार में खूब बिकाता है।
कोन, सुथनी और पनियाला शरीफा
छठी मैया को मन भाता है
मूली , कद्दू,घीया ,हल्दी ,अदरक , बिना
मैया के पूजन कहां संपूर्ण माना जाता है।
गन्ना ,सिंघाड़ा , केला गॉगल नींबू
मैया के शिपुली का शोभा बढ़ाते हैं
मैया के सिंपली डाला बासफोड़ समाज
बड़े चाव भक्ति भाव से बनाते हैं।
रंग बिरंगे सुन्दर सुंदर कोशी दिए
कुम्हार चाचा खुश होकर बनाते हैं ।
सबको छठी मैया सेवा का अवसर देती हैं।
नए परिधान बजाज बेचते …
मन मन में इतराते हैं।
घर के बच्चे घाट सजाते …..
हर्षमय हो जाते हैं।
छठी के नदी घाट परिवार संग में जाते हैं।
छठी मैया दूर करे सारे दुख बलैया
छठी व्रती यही दुआ गौहराते हैं।
छठी मैया कृपा को जाने सारा संसार है
छठी मैया हैं बड़ी कृपालु
महिमा बड़ी आपार हैं।
नीरज कुमार सिंह
देवरिया, उत्तर प्रदेश

