आलेख

डॉ रामशंकर चंचल की देश सहित विश्व की अनेक भाषाओं में अनुवाद

विश्व अनुवाद दिवस पर विशेष

विश्व दिवस पर, महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए झाबुआ जिले के आदिवासी पिछड़े अंचल में जन्मे डॉ रामशंकर चंचल जिनकी रचनाओं कृति को, अनेक भाषाओं में अनुवाद किया गया है जो सचमुच वंदनीय है और सार्थक उपलब्धि लिए है।

मराठी, सिंधी, गुजराती, बंगाल, तमिल, आदिवासी, उर्दू आदि आदि सैकड़ों भाषा में अनुवाद किया गया है यहां तक कि उनकी विश्व भाषा में अनुवाद भी हुआ है
उनके जीवन की सार्थक उपलब्धि अद्भुत प्रेरणा स्त्रोत लघु कथाओं की कृति जो विश्व पटल पर दस्तक देती अमेज़न पर उपलब्ध कृतियों में समाहित बेहद छाई हुई हैं
अंग्रेजी भाषा में अनुवाद डॉ पुलकिता सिंह आनंद जी द्वारा किया गया सार्थक कार्य को, प्रणाम करते हुएं डॉ रामशंकर चंचल कहते है कि आज सम्पूर्ण विश्व स्तर पर दस्तक देती हुई छाई हुई अद्भुत सुखद उपलब्धि हैं जो इतिहास रचती है।
देश में चर्चित विश्व में चर्चित यह कृति आज झाबुआ मध्य प्रदेश ही नहीं देश के लिए भी पहली आदिवासी पिछड़े अंचल झाबुआ को सामने रखती हैं जो वंदनीय हैं और इसका श्रेय डॉ पुलकिता सिंह आनंद जी को हैं जिन्होंने मुझे और झाबुआ के साथ प्रदेश देश को हिन्दी भाषा को विश्व पटल पर सम्मान दिया है

झाबुआ जैसे पिछड़े अंचल में जन्मे डॉ रामशंकर चंचल जो आज किसी भी परिचय के मोहताज नहीं है
धन्य हैं आदरणीय की साधना तपस्या जिसने आज सम्पूर्ण विश्व में साहित्य गजत में अद्भुत नाम किया है

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close
Back to top button
error: Content is protected !!