
महिमा कार्तिक माह अपार , दामोदर मास प्यारो ।
दामोदर मास प्यारो , प्रभु ने लीला को विस्तारों ।।
आई शरद पूर्णिमा प्यारी ।
नाचे प्रिया संग बिहारी ।।
यमुना पुलिन भयो उजियारों ।
प्रभु ने ………………………….1
बहुलाष्टमी को दिन आयो ।
राधा श्याम कुण्ड प्रकटायो ।।
जो है सब भक्तों को प्यारो ।
प्रभु ……………………….2
ग्यारस रमा नाम की आयी ।
जो वैष्णवजन के मन भायी ।।
व्रत की महिमा मिलों सहारों ।
प्रभु…………………………3
औषधि धन्वतरी ले आये ।
या ये धन तेरस कह लाये ।।
कर दओ रोग दोष निस्तारों ।
प्रभु…………………………..4
कन्हैया नरकासुर को मारो ।
आओ नरक चतुर्दशी पारो ।।
आनंद भक्तों को भओ भारो ।
प्रभु…………………………..5
प्रभु की दामोदर भई लीला ।
व्रजरस है मीठों सो चीला ।।
हरि ने यमुलार्जन उद्धारों ।
प्रभु………………………..6
आई दिया दिवाली प्यारी।
लक्ष्मी सकल जगत उजयारी ।।
रघुपति जन्मभूमि पग वारो ।
प्रभु………………………….7
हो रही गोवर्धन की पूजा ।
इन्द्र को और नहीं कुछ सूजा ।।
नख पर गिरवर जू को धारो ।
प्रभु …………………………8
यम की बहिना है जे जमुना।
गरिमा भाई दूज की कम ना ।।
भाई-बहन जमुन जल ढारों ।
प्रभु…………………………
तिथि गोपअष्टमी अब आई ।
गोप संग गायें कृष्ण चराई ।।
गोपाल नाम हरि ने धारो ।
प्रभु…………………….9
देव उत्थान एकादशी आई ।
शुभ कामन की झरी लगाई ।।
उत्तर आदित्य कदम पसारो ।
प्रभु………………………10
तुलसी शालिग्राम विवाहा।
हो रही आहा आहा वाहा।।
दीपक दान करो उजियारों ।
प्रभु ……………………..11
डा राजेश तिवारी मक्खन
झांसी उ प्र



