उत्तराखंड

दिव्य गंगा सेवा मिशन का गंगनहर सफाई अभियान — राष्ट्रीय महासचिव इंद्रेश शर्मा के नेतृत्व में स्वयंसेवकों ने दिया गंगा स्वच्छता का संदेश

“गंगा हमारी पहचान है, इसकी स्वच्छता हम सबकी जिम्मेदारी है” — इंद्रेश शर्मा

रुड़की। दिव्य गंगा सेवा मिशन के राष्ट्रीय महासचिव इंद्रेश शर्मा के नेतृत्व में रविवार को गंगनहर पर विशाल स्वच्छता अभियान चलाया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में मिशन के स्वयंसेवक, युवा कार्यकर्ता, सामाजिक कार्यकर्ता एवं स्थानीय नागरिकों ने भाग लिया। अभियान का उद्देश्य गंगा तटों पर स्वच्छता के प्रति जनजागरूकता बढ़ाना और समाज को “गंगा मेरी माँ, गंगा मेरी जिम्मेदारी” के संदेश से जोड़ना था।

सुबह से ही मिशन के कार्यकर्ता गंगनहर के दोनों तटों पर एकत्र हुए और श्रमदान के माध्यम से प्लास्टिक, कूड़ा-कचरा, और अन्य अपशिष्ट हटाए। सभी प्रतिभागियों ने “स्वच्छ गंगा – पवित्र भारत” के नारे के साथ अभियान को जनांदोलन का रूप दिया।

राष्ट्रीय महासचिव इंद्रेश शर्मा ने इस अवसर पर कहा—
“गंगा केवल एक नदी नहीं, बल्कि यह भारत की आत्मा है। इसकी स्वच्छता बनाए रखना केवल सरकार का नहीं, बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है। दिव्य गंगा सेवा मिशन का उद्देश्य है कि प्रत्येक व्यक्ति गंगा संरक्षण का सैनिक बने। जब जन-जन इस कार्य में सहभागी होगा तभी गंगा वास्तव में निर्मल और अविरल बन सकेगी।”

उन्होंने कहा कि मिशन पूरे देश में गंगा तटों पर सफाई, जनजागरूकता, वृक्षारोपण और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों में पर्यावरणीय चेतना जाग्रत कर रहा है। “हम गंगा की सेवा करके अपने भविष्य की रक्षा कर रहे हैं। यह केवल सफाई नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक यज्ञ है,” उन्होंने कहा।

इस अवसर पर मिशन के राष्ट्रीय संयोजक केशव पाण्डेय, साहित्यिक एवं सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के संयोजक डाॅ. शिवेश्वर पाण्डेय, प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज चौधरी, युवा प्रकोष्ठ प्रभारी अनुज गुप्ता, और कई अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे। वक्ताओं ने गंगा को भारत की सांस्कृतिक धारा बताते हुए कहा कि स्वच्छता ही सच्ची आरती है और गंगा सेवा ही सच्चा धर्म।

कार्यक्रम में उपस्थित स्वयंसेवकों ने कहा कि गंगा हमारी सभ्यता की जननी है, और उसकी सेवा में श्रमदान करना गर्व की बात है। अभियान के अंत में सभी ने संकल्प लिया कि वे हर माह गंगा किनारे स्वच्छता अभियान में भाग लेंगे और समाज को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करेंगे।

अभियान के दौरान मिशन के कार्यकर्ताओं ने “गंगा स्वच्छता संकल्प” भी लिया और जल प्रदूषण रोकने के लिए स्थानीय नागरिकों को जागरूक किया। कई स्वयंसेवकों ने अपने वक्तव्यों में कहा कि गंगा की निर्मलता ही भारत की आध्यात्मिकता की पहचान है, इसलिए गंगा सेवा मिशन का यह प्रयास युगांतकारी है।

अभियान के अंत में सभी स्वयंसेवकों का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए डॉ. शिवेश्वर पाण्डेय ने कहा—
“गंगा सेवा मिशन केवल सफाई तक सीमित नहीं है, यह मन और समाज की भी शुद्धि का अभियान है। जब तक गंगा पवित्र है, तब तक भारत की संस्कृति जीवंत रहेगी।”

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