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दो पीढ़ियों का संबंध – भाई जी, स्व. अशोक कुमार सिंह और अधिवक्ता कुमुद रंजन सिंह की सेवा यात्रा

भाई जी की प्रेरणा से जुड़ी दो पीढ़ियाँ — सेवा, सत्य और स्वावलंबन का संगम

राजगीर/नालंदा ।
राष्ट्रीय युवा परियोजना के संस्थापक, राष्ट्रसेवक और गांधी-विनोबा विचारधारा के अग्रदूत डॉ. एस. एन. सुब्बाराव “भाई जी” की प्रेरणा ने देशभर में सेवा और श्रम का जो दीपक जलाया, उसकी ज्योति आज भी दो पीढ़ियों के माध्यम से प्रज्वलित है —
स्व. अशोक कुमार सिंह और अधिवक्ता कुमुद रंजन सिंह।

 

चार दशक का सान्निध्य — स्व. अशोक कुमार सिंह और भाई जी

मगध की पवित्र धरती पर जन्मे स्व. अशोक कुमार सिंह जी का भाई जी से जुड़ाव चार दशकों तक रहा।
1980 के दशक में जब भाई जी बिहार में राष्ट्रीय युवा परियोजना (NYP) के माध्यम से श्रम संस्कार, सद्भाव यात्रा और ग्राम स्वराज अभियानों का संचालन कर रहे थे, तब अशोक जी उनके साथ सक्रिय रूप से जुड़े।

राजगीर, पावापुरी और नालंदा क्षेत्र में भाई जी के कार्यक्रमों के आयोजन और प्रवास के दौरान अशोक जी उनके विश्वासपात्र सहयोगी बने रहे।
भाई जी अक्सर कहा करते थे —

> “अशोक जी ने सेवा को कर्म नहीं, धर्म बना लिया है।”

 

उनका जीवन सादगी, त्याग और राष्ट्रसेवा के भाव से ओत-प्रोत था।

दो दशक की प्रेरणा — अधिवक्ता कुमुद रंजन सिंह और भाई जी

भाई जी के विचारों से प्रभावित होकर अधिवक्ता कुमुद रंजन सिंह ने पिछले दो दशकों से उनके संदेश को नई पीढ़ी तक पहुँचाने का कार्य किया है।
उन्होंने पत्रकारिता, समाजसेवा और युवा नेतृत्व के क्षेत्र में भाई जी की शिक्षाओं को “सत्य, सेवा और स्वावलंबन” के सूत्र के रूप में आगे बढ़ाया।

उनकी अगुवाई में आचार्य कुल पत्रकारिता प्रकोष्ठ और नेशनल जर्नलिस्ट एसोसिएशन (NJA) द्वारा श्रम संस्कार शिविर, विनोबा भावे विचार संवाद, और सामाजिक एकता कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं।

भाई जी उन्हें स्नेहपूर्वक “सेवक पत्रकार” कहा करते थे, क्योंकि कुमुद रंजन सिंह ने पत्रकारिता को सेवा का माध्यम बनाया।

दो पीढ़ियाँ — एक ही विचारधारा

स्व. अशोक कुमार सिंह और अधिवक्ता कुमुद रंजन सिंह — दोनों ने भाई जी के सिद्धांतों को अपने-अपने युग में साकार किया।
जहाँ अशोक जी ने अपने कर्मों से सेवा का आदर्श स्थापित किया, वहीं कुमुद जी ने उसी विचार को नई पीढ़ी के मन में जगाने का दायित्व निभाया।

भाई जी की यह अमर प्रेरणा आज भी समाज में यह संदेश देती है —

> “सच्ची श्रद्धांजलि फूलों से नहीं, कर्मों से दी जाती है।”

 

संस्थागत श्रद्धांजलि

भाई जी के चतुर्थ स्मृति वर्ष के अवसर पर आचार्य कुल पत्रकारिता प्रकोष्ठ, नेशनल जर्नलिस्ट एसोसिएशन (NJA) और मगध समाज कल्याण प्रतिष्ठान ने संयुक्त रूप से श्रद्धांजलि कार्यक्रम एवं श्रम-संस्कार अभियान आयोजित करने की घोषणा की है।

इस अवसर पर समाजसेवियों और पत्रकारों ने कहा —

> “भाई जी के विचार आज भी प्रेरणा का दीपक हैं,
और उनके अनुयायी इन मूल्यों को जीवन में उतारकर सच्ची सेवा कर रहे हैं।”

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