साहित्य

दोहा

राम किशोर वर्मा

सज्जन सद्व्यवहार से, देते हैं संदेश ।
पढ़ें सूक्तियांँ फिर स्वयं, का बदलें परिवेश ।।१।।
✍️
बातें *दुर्जन* की सदा, होंगी लच्छेदार ।
देंगी वह आघात भी, अलतकिया-सी मार ।।२।।
-राम किशोर वर्मा
रामपुर (उ०प्र०)
दिनांक:- २८-१०-२०२५ मंगलवार

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