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एक ही दिन में, हजारों चाहने वालों ने सराही, अनन्या की डायरी, छाई विश्व स्तर पर

डॉ रामशंकर चंचल की नौवीं कृति अनन्या की डायरी अमेज़न पर उपलब्ध

झाबुआ मध्य प्रदेश के आदिवासी पिछड़े अंचल में जन्मे डॉ रामशंकर चंचल की नौवीं कृति अनन्या की डायरी अमेज़न पर उपलब्ध कृतियों में समाहित इंकलाब पब्लिकेशन बम्बई द्वारा प्रकाशित हुई का अद्भुत खूब सूरत वीडियो सोशल मीडिया पर दस्तक देता हुआ एक ही दिन में हजारों चाहने वालों द्वारा सराहा गया और बेहद सुखद अनुभव करते हुए
डॉ रामशंकर चंचल को बहुत ही बधाई देते हुए भविष्य में भी आप से अनेक अपेक्षा करते हुए शुभ कामना दी और गर्व महसूस किया कि डॉ चंचल ने आज विश्व पटल पर दस्तक देने के साथ हिन्दी भाषा को अद्भुत सम्मान दिया है जो सचमुच वंदनीय होने के साथ ही देश और झाबुआ जिले के लिए बेहद गर्व का विषय है
उनकी सहज सरल और जीवंत सजीव लेखन ने आज विश्व स्तर पर अपनी अद्भुत रचनाओं से अद्भुत सराहना लिए पहचान बनाने में बेहद कामयादी हासिल कर झाबुआ जिले के आदिवासी पिछड़े अंचल के लिए एक इतिहास रचा है जो सचमुच सदियों याद किया जायेगा और स्मरण करने के साथ प्रेरणा स्त्रोत होगा, आनेवाल कल के लिए, युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा बन गए डॉ रामशंकर चंचल आज इसका श्रेय ईश्वर कृपा को और उनके अथाह लाखों चाहने वालों को देते हुए प्रणाम करते हैं, झाबुआ की पावन भूमि को अपनी रूह को।

चौंकाने वाला सत्य है कि आज सम्पूर्ण विश्व में साहित्य गजत में चर्चा बना हुआ एक सार्थक उपलब्धि लिए जाने जाते है डॉ रामशंकर चंचल जो सहज सरल व्यतित्व सादगी से धनी एक इंसान हैं जो मानवीय मूल्यों पर दस्तक देते हुए सृजन दीप जलाएं हुए हैं विगत पचास साल से सतत् साधना तपस्या कर रहे हैं
ऐसे विरले साहित्य साधक हैं जिन्होंने साहित्य को बढ़ावा देने के साथ जन मानस के दिल और आत्मा में विराजमान हो साहित्य को जिंदा रखने के साथ मानवीय मूल्यों को संवेदनशील को जिन्दा रखने में बेहद सार्थक कार्य किया है
वंदनीय है झाबुआ की आदिवासी पावन पवित्र भूमि जहां जन्म लिया डॉ रामशंकर चंचल आज सम्पूर्ण विश्व में चर्चित हैं

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