
सबणा खावै खा़र दुनिया में
किणने केऊं जार दुनिया में
जाऊं किणदिस आज या रब्बाह
चारुं कूंट अंधार दुनिया में ।
जात धरम रे नाम देखो तो
मच्यो हा हा कार दुनियां में।
मनरा भाव कोई नी जाणै
मतलब री मनवार दुनिया में ।
जीणसू लागो हेत’ नी छूटे
टूटे मरयां तार दुनिया में ।
बाला बेवै रोज लोहीरा
मरगंयो मिनखाचार दुनिया में ।
सबसूं मीठी बोल ‘संजीदा’
रैणो है दिन चार दुनिया में ।
डॉ संजीदा खानम’शाहीन’



