
पकड़े गये चित चोर , सखी री देखो ।
दधि माखन चाखन के लाने , छीकों दीन्हो टोर ।
दबे पैर घुसे अटा अटारिन , यह चोर बड़ो सैजोर ।।
मॉगत दान दही को लाला , यह मटकी देते फोर ।
बांध दयै ऊखल से मैया , सखि कहना मानो मोर ।।
माखन चोर शोर सुन आयी , गोपी करहि किलोर ।
मक्खन प्रिय मोये प्रिय लागे , हिय में उठे हिलोर ।।
डा. राजेश तिवारी ‘मक्खन’
झांसी उ प्र




