साहित्य

खुद को कर बुलंद

ममता झा मेधा

मुश्किल वक्त हो तो ऐसे नही घबराना चाहिए ,
कर बुलंद अपने मन को यूँ समझाना चाहिए।

बीत जाती है हर एक वो घड़ी बन एक यादगार ,
हर रात के बाद दिन होता है नही भुलाना चाहिए।

पत्थर में भी फूल खिलते हैं राह बनती है खुद अपनी ,
चाहे वक्त खराब हो फिर भी मुस्कराना चाहिए ।

है उम्मीद पर रोशन दुनिया बेरुस्वाई ठीक नही ,
चिरागों से ही अपना घर-द्वार सजाना चाहिए।

वक्त और हालात बदलते देखो देर नही लगती ,
दिल से मैल मिटा कर सबको गले लगाना चाहिए ।

ख्वाब पूरे होते हैं ममता मगर मांगते हैं इम्तिहान ,
सबको ख़ुश रखने के लिए दर्द भुलाना चाहिए।
**********************************
ममता झा मेधा
डाल्टेनगंज

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!