
साध सबकी पूरी हो गई ,कर जोड़ खड़े,
गगन से पुष्प वर्षा,राह मखमली बनी,
विराज गये अवध बिहारी अपने धाम।
जय बोलो जय बोलो जय जय श्रीराम।
त्रेतायुग में पहुंचे अवध बिहारी राम।
अलौकिक अपनी अयोध्या नगरी सजी।
दीपमाला की अद्भुत लड़ियां प्रज्ज्वलित।
सरयू धारा गूॅंज उठी जय श्रीराम जय श्रीराम।
स्वागत है राम लला तुम्हारा
है मंगल शगुन,हो रहे मंगल गान,
बस गये देवों के मन में ,
सिंहासन पर विराज रहें हैं श्रीराम।
रामराज्य की कल्पना हुई साकार ,
बात कल्पों की नहीं,बात अल्पों की नहीं,
बात तो है हमारे संकल्पों की पूरी हुई।
अवध बिहारी राम की जय-जयकार।
अब सब ओर अमन चैन का राज्य रहेगा।
सद्भावना, भाईचारे का मिल रहा संदेश।
अवध बिहारी राम का सजा रहे गा दरबार।
हम सबके गुमान हैं जय श्रीराम जय श्रीराम।
डॉ सुमन मेहरोत्रा
मुजफ्फरपुर,बिहार




