साहित्य

सूर्य नमस्कार

डा. राजेश तिवारी 'मक्खन'

आओ आदित्य देवता को , अर्घ्यार्चन नमस्कार करें ।
अन्त: बाह्य सघन तम है ,
ज्ञान ज्योति उजयार करें ।।

नारायण का रूप नमन है , नई ऊर्जा दायक हो ।
प्रकृति में पुरुषार्थ प्रबल है , कर्म शील के नायक हो ।।
दानवीर थे कर्ण शिरोमणि , मंदों को होशियार करें ।।…..१

मणि स्यमंतक साधनारत , सत्राजित को दीन्ही थी ।
आठ भार सोना देती थी ,
ऐसी शक्ति कीन्ही थी ।।
सृष्टि सृजन सहयोग सूर्य का , ससम्मान साभार करें ।……२

सूर्य साधना छठ पूजा है , बारह बार प्रणाम है ।
फसल पुष्ट हो पक जाती है , बने कृषक का काम है।।
अरुण सारथी सुन्दर रथ है , अब उनका इंतजार करें ।……३

यम और यमी शनि सूरज की शौर्यवान संतान है ।
शिष्य पवनसुत विद्या सीखी , देख सभी हैरान है ।।
गायत्री का मंत्र जाप सब , ऋषि मुनि हजार करें ।………४

आदित्य रवि मरीचि भानु हे भास्कर भगवान खग ।
मित्र पूष्ण हिरण्यगर्भ अर्क सवित्र सूर्य कर मंगलमय मग ।।
अंधकार अज्ञान मिटा दो सहस्त्र सहस्त्र नमस्कार करें ।……५

डा. राजेश तिवारी ‘मक्खन’
झांसी उ प्र

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