
अक्टूबर 2021 जीवन में
सदा ही स्मरण बन
अजीब सुख सुकून देता हुआ
आज भी, सक्रिय रखता हैं
प्रणाम उस ईश्वर कृपा को
अंग्रेजी नहीं आती मुझे
मेरे नाम तक
पापा और बड़े पापा
बहुत ही पीछे पड़े थे
बोले तेरे योग्य हैं
विश्व पटल पर दस्तक देगी
रचनाएं, तुझ से मांग कर सकते है
अंग्रेजी में, आदि आदि सैकड़ों
बात कर, जो आज सत्य है
पर , उस समय, पता नहीं
कैसे मेरे मुझे से
निकल गया था
उनको जरूरत है तो, वो जाने
करें उन्हें अंग्रेजी में
याद आता है अद्भुत सत्य आज का
आज से चार साल पहले
डॉ पुलकिता सिंह आनंद जो
बहुत ही प्रयास करने पर भी
अपने शहर उज्जैन स्थानांतरण
नहीं करा पाई और
झाबुआ आजाद कालेज में
दस्तक देती है
धन्य हैं उस परम् पूज्य
मित्र का, वंदन है उसे
जो उन्हें अंग्रेजी भाषा में अनुवाद करने के लिए
जरूरत पड़ी, आदिवासी पिछड़े अंचल की कथाओं की
मेरे पास लिए
सत्य यह भी अद्भुत है कि
मेरे अलावा कोई नहीं यहां
जिसने आदिवासी पिछड़े अंचल झाबुआ पर दस्तक देती
कथाओं को लिखा
उन्होंने किया
आज चार साल में
सम्पूर्ण विश्व में साहित्य गजत में
अद्भुत चर्चित हो
झाबुआ मध्य प्रदेश का गौरव बढ़ाए
इतिहास रचा है
स्वीकार करना होगा सत्य, सत्य है
विश्व में किसी भी देश के
शोध कर्ता या लेखक को
इस अद्भुत उपहार से
ज्यादा अच्छा क्या होगा कि
उन्हें विश्व भाषा अंग्रेजी में
जानकारी मिलने लगी
प्रणाम करता हूं
ईश्वरीय कृपा को
जो आज भी महसूसकरता हूं
हर पल
प्रणाम करता हूं
परम् पूज्य डॉ पुलकिता सिंह आनंद को जिन्होंने झाबुआ जिले को
अद्भुत गौरव,सम्मान दिलाया
प्रणाम करता हूं, सत् सत्
उस परम पूज्य मित्र का
जिसका पावन,पवित्र मन
मेरे प्रति आदर सदा की तरह
बना रहा और उसे
मुझ जैसे नाचीज़ से
मिलाया
आज के समय जब
सारी दुनिया राग द्वेष और जलन इर्ष्या लिए जी रही
वहां कुछ ही सही
ऐसा देवत्व इंसान है जो
दुसरे के सुख सुकून में
खुद
सुख सुकून महसूस करते हैं
वंदन इस पल को
सतत् प्रणाम
डॉ रामशंकर चंचल
झाबुआ मध्य प्रदेश

