साहित्य

वंदे मातरम …….

आकाश शर्मा आज़ाद

वंदे मातरम,वंदे मातरम,,
हिंदुस्तान की माटी के शौर्य को है,, मेरा नमन
राष्ट्र की माटी के सम्मान के लिए,,
बलिदान है,, यहां परम धर्म,,
महारानी लक्ष्मीबाई ने, आजाद हिंदुस्तान की हवाओं के लिए अपने लहू से,,
हिंदुस्तान की वसुंधरा पर लिख दिया, वंदे मातरम
भगत सिंह ने अपने बलिदान से,,
अपने इंकलाब से,, वंदे मातरम के स्वर को,,
हिंदुस्तान के, कोने-कोने तक पहुंचा,,
आजादी हर हिंदुस्तानी का अधिकार है,,
हिंदुस्तान के जनमानस को समझाया
वंदे मातरम,वंदे मातरम के गीत की माला
लेकर चला था, चंद्रशेखर आजाद
आजादी का जोगी मतवाला
अपनी अंतिम सांस तक लिख दी,,
हिंदुस्तान की आजादी के नाम,,
हिंदुस्तान की माटी को करके अपना
अंतिम प्रणाम वंदे मातरम के स्वर के साथ
चंद्रशेखर आजाद चले गए,, बैकुंठ धाम
सुभाष चंद्र बोस ने भी,आजादी की कहानी को,,
अपना लहू दिया था, उनके हृदय से भी,,
वंदे मातरम वंदे मातरम हर पल ये गीत
सुनाई देता था…….
आजादी के पवित्र यज्ञ में, लाला लाजपत राय ने भी अपने लहू की आहुति देकर,,
अपनी कहानी को,, अमरता का वरदान दिया है,,
आज भी उनके आंगन का अम्बर
इंकलाब जिंदाबाद, वंदे मातरम,,वंदे मातरम
की गूंज से गूंज उठता है,,
राष्ट्रभक्ति की एक अनोखी मिसाल थे,,
सरदार वल्लभ भाई पटेल,,
राष्ट्र की एक अखंड आवाज थे,,
सरदार वल्लभभाई पटेल,,
वंदे मातरम वंदे मातरम की आवाज से,,
धड़कता था लोह पुरुष का दिल,,
अपनी हर सांस में,, हिंदुस्तान का नाम लेकर
इस संसार में जीवित रहता था,,
लोह पुरुष का दिल,,
श्री सुभद्रा कुमारी चौहान ने भी अपनी कलम से,, हिंदुस्तान को आजाद करने का प्रयास किया था,,
अपने लहू की अंतिम बूंद से,,
श्री सुभद्रा कुमारी चौहान ने,भी हिंदुस्तान की माटी पर, वंदे मातरम लिखा था,,
राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जी ने,
अपनी कलम से, हिमालय के शिखर पर रखा है
हिंदुस्तान के स्वाभिमान को,,
समस्त राष्ट्रभक्ति भक्तों ने, अपने प्राणों से ज्यादा
हिंदुस्तान के प्राणों को, हिंदुस्तान की माटी को,,
प्रेम किया है,,
हिंदुस्तान के हर एक बच्चे ने
अपनी हर एक सांस में,,
हिंदुस्तान में जन्म लेते ही ये,, कहां है
वंदे मातरम,, वंदे मातरम,,
वंदे मातरम,, वंदे मातरम,,
हिंदुस्तान की चंदन सी माटी को,,
हम अपने मस्तक पर धारण करते हैं,,
हम हिंदुस्तान के वासी
अपने लहू की हर एक बूंद को,,
अपनी वसुंधरा पर न्योछावर करना
अपना सौभाग्य समझते हैं,,
अपनी मातृभूमि की रक्षा करना,,
है हमारा अंतिम और आखिरी धर्म
वंदे मातरम,वंदे मातरम,,
वंदे मातरम,, वंदे मातरम,,

आकाश शर्मा आज़ाद
आगरा उप्र

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