साहित्य

विदुर घर साग प्रभू की इच्छा है

डॉ कर्नल आदि शंकर मिश्र ‘आदित्य’, ‘विद्यावाचस्पति’

विदुर घर साग प्रभू की इच्छा है

दोस्त की खोज तो सभी करते हैं,
अच्छे दोस्त की खोज जो करते हैं,
छोटे दिल के होते हैं बड़े दिल वाले
तो हर दोस्त को अच्छा बना लेते हैं।

किसी के लिए प्रेम व समर्पण
कर पाना मुश्किल नहीं होता है,
मुश्किल हैं उस व्यक्ति को ढूंढना,
जो ऐसे समर्पण की कद्र करता है।

आदित्य सबसे अच्छी सेवा के लिये
ऐसे व्यक्ति की मदद करना होता है,
जो बदले में आपको और कुछ नहीं
बल्कि सिर्फ धन्यवाद ही दे सकता है।

व्यक्ति के मन की सच्चाई और
अच्छाई कभी व्यर्थ नहीं जाते हैं,
ये तो वो पूजा है जिसकी खोज
ईश्वर खुद अपने भक्त में करते हैं।

अपवित्र धन से शरीर सजाने के
बजाय अभावों में रहना उचित हैं,
शबरी के बेर, सुदामा के तन्दुल व
विदुर का साग प्रभू की इच्छा हैं।

सूर्य का प्रकाश दिन भर होता है,
मोमबत्ती का बस एक घंटा होता है,
माचिस तीली एक मिनट जलती है,
पर शुभकामना सदा के लिए होती है।

डॉ कर्नल आदि शंकर मिश्र
‘आदित्य’, ‘विद्यावाचस्पति’
लखनऊ

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