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विजय दशमी क्यों मनाते है?

विजयदशमी (दशहरा) मनाने का कारण

 

विजयदशमी, जिसे दशहरा भी कहते हैं, भारत का एक प्रमुख त्यौहार है। इसे आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है। इसका महत्व कई पौराणिक और सांस्कृतिक कारणों से जुड़ा हुआ है—

 

1. भगवान श्रीराम की विजय

 

त्रेतायुग में भगवान श्रीराम ने रावण का वध करके माता सीता को लंका से मुक्त कराया।

 

इस दिन अच्छाई (राम) की बुराई (रावण) पर जीत हुई थी।

👉 इसलिए इसे सत्य व धर्म की असत्य और अधर्म पर विजय का पर्व माना जाता है।

 

 

2. माँ दुर्गा की विजय

 

देवी दुर्गा ने असुर महिषासुर का वध इसी दिन किया था।

 

यह नवरात्रि के नौ दिन पूजन के बाद विजय का प्रतीक दिवस है।

👉 इसलिए इस दिन को शक्ति की विजय का पर्व भी कहते हैं।

 

 

3. सांस्कृतिक महत्व

 

भारत के कई राज्यों में इस दिन रामलीला का समापन होता है और रावण, मेघनाथ, कुंभकर्ण के पुतले जलाए जाते हैं।

 

यह त्योहार हमें संदेश देता है कि बुराई चाहे कितनी भी शक्तिशाली हो, अंत में अच्छाई की विजय होती है।

 

 

4. जीवन का संदेश

 

विजयदशमी आत्म-संयम, साहस और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।

 

यह समय नए कार्य आरंभ करने और शस्त्र-पूजन का भी होता है।

 

संक्षेप में – विजयदशमी इसलिए मनाई जाती है क्योंकि यह दिन धर्म की अधर्म पर और सत्य की असत्य पर विजय का प्रतीक है।

 

 

 

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