आकाशवाणी नई दिल्ली द्वारा 70वां सर्वभाषा कवि सम्मेलन 2026 आयोजित

नई दिल्ली । देश की विविधता और संस्कृति को संजोए रखते हुए आकाशवाणी नई दिल्ली द्वारा संविधान की आठवीं अनुसूची में निहित सभी 22 भारतीय भाषाओं का सर्वभाषा कवि सम्मेलन पिछले 69 वर्षों से आयोजित करती आ रही है। इस वर्ष भी नई दिल्ली आकाशवाणी के रंग भवन ऑडिटोरियम में 23.11.2025 को देश के 22 भाषाओं के मूल कवियों साथ ही प्रत्येक भाषा के हिंदी अनुवादक कवियों का महासंगम का आयोजन संपन्न हुआ। विगत कई वर्षों की भांति इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण 70वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पूरे देश में एक साथ आकाशवाणी द्वारा प्रसारण किया जाएगा। यह कार्यक्रम दिल्ली में छठवीं बार आयोजित किया जा रहा है। जिसमें देश के विभिन्न प्रांतो से मूल कविकार ने अपने राज्य की संस्कृति पर कविता के माध्यम से अपने भाव प्रस्तुत किया साथ ही उसी भाषा के मूल पाठ के अनुवादक के रूप में सभी कवियों ने अपना काव्य पाठ किया। बोडोलैंड से पधारे श्री गंगाधर सियारी ने बोडो भाषा में जहां कविता पाठ किया वहीं कविता के मूल पाठ का हिंदी अनुवाद गीत के माध्यम से डॉ.राजेश श्रीवास्तव ‘राज’ ने प्रस्तुत किया।
उक्त गीत की कुछ पंक्तियां इस प्रकार हैं:-
लहरें मेरी बाँह पसारें,देख जिन्हें मै मुस्काता।
सागर हूँ चिर युवा सदा मै,आनंदित हो हुलसाता।।
कांधे बैल लगे सम मेरे,निश्चलता से धड़क रहा।
टकराती लहरें जब मुझसे,यौवन मेरा फड़क रहा।।
सुखी रेत चमकती चमचम,उनमें भी मैं घुल जाता।
सागर हूँ चिर युवा सदा मै,आनंदित हो हुलसाता।।
इस कार्यक्रम में सभागार में लगभग 500 श्रोता, साहित्यकार, देश के गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे ।
कार्यक्रम के समापन पर सभी कवियों को सम्मान प्रदान किया गया।




