आप क्या मिल गए, जिंदगी मिल गई:कुमार अवधेश विद्यार्थी
सृजन साहित्यिक अभिरुचि मंच के तत्वावधान कवि सम्मेलन आयोजित

बहजोई: सृजन साहित्यिक अभिरुचि मंच द्वारा कवि सम्मेलन एवं साहित्यकार सम्मान समारोह का आयोजन बहजोई स्थित शिव बाबा सदन में किया गया। अन्य जनपदों से भी कई वरिष्ठ साहित्यकारों ने इसमें भाग लिया,
बदायूं से आए वरिष्ठ कवि रमेश चंद्र मिश्र “सहज” ने कहा- “कैसे दीप जलाऊं तम में, रही फूंक से बुझा पवन।”
मां शारदे के सम्मुख दीप जलाकर, वयोवृद्ध कवि रुपकिशोर गुप्ता, सुभाष चन्द्र शर्मा एवं श्रीपाल शर्मा ईदरीशपुरी ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम संयोजक दीपक गोस्वामी ‘चिराग’ ने सुमधुर स्वर में वाणी वंदना प्रस्तुत की। तदुपरांत हास्य कवि संभव जैन ने श्रोताओं को हंसी के ठहाके लगाने को मजबूर कर दिया।
संचालन कर रहे रजपुरा से आए युवा कवि कुमार अवधेश विद्यार्थी ने गुनगुनाया-
“आप क्या मिल गए जिंदगी मिल गई, हर दुआ को नई सी बंदगी मिल गई।”
कार्यक्रम अध्यक्ष रूप किशोर गुप्ता ने अपनी कविता के माध्यम से कहा-
“यह अंधेरे जहां भी जाएंगे, खून से हम दिए जलाएंगे।”
मुख्य अतिथि के रूप में, सम्भल से पधारे वरिष्ठ कवि सुभाष चंद्र शर्मा ने अपनी हास्य कविता के माध्यम से श्रोताओं को गुदगुदाते हुए पढ़ा-
“मेरे पति के भूलने का,एक अच्छा खासा शो है। बाजार में मिले बोले,नमस्ते बहन जी, कहीं आपको देखा तो है।”
सृजन संस्था के अध्यक्ष दीपक गोस्वामी ‘चिराग’ ने मां के महत्व पर प्रकाश डालते हुए गुनगुनाया-
“कभी-कभी मन करता मेरा, पाती मां के नाम लिखूं। राम-राम सत श्री अकाल और दिल से उसे सलाम लिखूं। मां की महिमा लिखी न जाए,चाहे आठों याम लिखूं।”
सम्भल के व्यंग्यकार अतुल कुमार शर्मा ने कुछ यूं फरमाया-
“ताज प्रेम कहानी का ,सरताज नहीं हो सकता है।
शाहजहां कहलाए प्रेम पुजारी, विश्वास नहीं हो सकता है।”
बागपत से आए वरिष्ठ गीतकार श्रीपाल शर्मा ईदरीशपुरी ने अपनी कविता के माध्यम से कहा-
“हॅंसती इठलाती जहां पर ये कलियां, वहीं पर मैं खिलता चमन देखता हूं।”
पंवासा से आए ज्ञानप्रकाश उपाध्याय ने कहा-
“आ रहे हैं प्रभु जी हमारे ,चांद तारे जरा जगमगाओ। सूनी सूनी पड़ी अयोध्या में, दीप घर-घर में प्यारे जगमगाओ।”
डॉ राजेंद्र कुमार आर्य ने अपनी गजल के माध्यम से कहा-
“गम ने हंसने न दिया, वक्त ने रोने न दिया। इसी उलझन ने कोई ,फैसला होने ना दिया।”
साहित्यकारों की श्रेणी में राजेश यादव, दीपक गोस्वामी चिराग, अंजू आर्या, वेंकट कुमार, ज्ञानप्रकाश उपाध्याय, कवियत्री डॉ सुनीता शंखवार, मनीषा गौतम, डॉ0 संदीप कुमार सचेत’, डाॅ0 अरशद रसूल, संभव जैन,रजपुरा से अवधेश विद्यार्थी ने काव्य प्रस्तुति दी। सभी साहित्यकारों को राधे-राधे की पट्टियां,शाॅल एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया,साथ ही अद्वितीय साहित्य सेवा हेतु सुभाष चन्द्र शर्मा और रमेश चंद्र मिश्रा को साहित्य साधक सम्मान से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में राममूर्ति नाथ, अनुराधा गोस्वामी,वंश, वंशिका,गौरव यादव,पद्म सिंह यादव आदि लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता रूपकिशोर गुप्ता ने एवं संचालन का संचालन अवधेश विद्यार्थी ने किया।




