अभिनव काव्यांश मंच भव्य वार्षिक महोत्सव
अभिनव काव्यांश मंच द्वारा ग्वालियर में 29 अक्टूबर को वार्षिक अधिवेशन, पुस्तक लोकार्पण, अखिल भारतीय कवि सम्मेलन एवं सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया

इस समारोह में भारत के विभिन्न राज्यों से पधारे प्रतिष्ठित रचनाकारों तथा स्थानीय कवियों ने पूर्ण उत्साह से भाग लिया l कार्यक्रम दो सत्रों में आयोजित हुआ l
प्रथम सत्र में – सर्वप्रथम मंच संस्थापिका तथा साहित्यकार श्रीमती शिमला शर्मा “लक्ष्मी प्रिया” ने मंचासीन अतिथियों एवं समिति सदस्यों के सानिध्य में वीणा वादिनी मॉं सरस्वती का पूजन अर्चन व दीप प्रज्ज्वलित कर मॉं का आव्हान किया।
तथा मॉं शारदे वंदना कोटा से पधारी कवयित्री मधु मनमौजी के द्वारा मधुर कंठ से गायन प्रस्तुत किया गया l तत्पश्चात कार्यक्रम अध्यक्ष – श्री जगदीश तोमर जी (वरिष्ठ साहित्यकार ,पूर्व निदेशक प्रेमचंद्र सृजन पीठ उज्जैन) का श्रीफल, अंगवस्त्र तथा माल्यार्पण द्वारा स्वागत किया गया l इसी क्रम में मुख्य अतिथि – श्री श्री 1008 परमपूज्य श्री संतोषानंद सरस्वती जी महाराज ( महामंडलेश्वर हनुमान सत्संग धाम ग्वालियर एवं एकादश रुद्रपीठ हरिद्वार) विशिष्ट अतिथि – श्री राकेश शर्मा जी (से. नि. अधिकारी सीमा सुरक्षा बल ग्वालियर म.प्र.) तथा
श्री राज कुमार सोनी राज जी वरिष्ठ साहित्यकार (बाराबंकी लखनऊ) का अभिनव काव्यांश मंच द्वारा सम्मान किया गया l

तथा गाजियाबाद दिल्ली से पधारी साहित्यकार “सहसंयोजिका” श्रीमती स्नेहलता पाण्डेय स्नेह द्वारा अतिथियों के सम्मान में स्वागत उद्बोधन प्रेषित किया गया। तथा जबलपुर से पधारी साहित्यकार श्रीमती सिद्धेश्वरी सराफ शीलू द्वारा अतिथियों का तिलक एवं माल्यार्पण से स्वागत किया गया।
प्रथम सत्र के कार्यक्रम का श्रेष्ठ संचालन श्री राम लखन शर्मा अंकित (ग्वालियर म.प्र.) द्वारा किया गया l
तत्पश्चात अगले क्रम में अतिथियों के कर कमलों द्वारा प्रथम पुस्तक अभिनव काव्यांश मंच के प्रबुद्ध साहित्यकारों की उत्कृष्ट रचनाओं का साझा संग्रह ‘अभिनव काव्यांजलि’। तथा द्वितीय पुस्तक श्रीमती शिमला शर्मा लक्ष्मी प्रिया द्वारा रचित ग़ज़ल संग्रह ‘यादों से गुफ़्तगु ‘ का लोकार्पण किया गया। तत्पश्चात “अभिनव काव्यांजलि” पुस्तक की भूमिका का वाचन कोटा राजस्थान से पधारी साहित्यकार “मंच प्रभारी” श्रीमती दीप्ति राजोरा द्वारा किया गया। तथा “यादों से गुफ़्तगू” पुस्तक की समीक्षा प्रबुद्ध साहित्यकार संचालक श्री रामलखन शर्मा अंकित द्वारा प्रेषित की गई। इसी क्रम में विभिन्न
प्रदेशों से पधारे लब्धप्रतिष्ठित साहित्यकारों को मंचासीन अतिथियों के कर कमलों द्वारा शाल श्रीफल स्मृति चिन्ह (“अभिनव नक्षत्र साहित्य सम्मान”) तथा पुस्तकें भेंट की गई।
सम्मानित साहित्यकारों के नाम – कवि श्री शिव गोविंद सिंह सरल (भोपाल म.प्र.) कवयित्री श्रीमती सरोज अवधिया बालाघाट (म.प्र.) युवा कवि -विवेक शुक्ला विश्वास मिर्जापुर (उ.प्र.) युवा कवयित्री – श्रीमती नीता भारद्वाज जयपुर (राजस्थान) कवयित्री श्रीमती अम्बिका झा मुम्बई (महाराष्ट्र) कवयित्री -श्रीमती मधु मनमौजी कोटा (राजस्थान) कवयित्री श्रीमती सिद्धेश्वरी सराफ शीलू जबलपुर (म.प्र.) वरिष्ठ कवि उमाकांत भरद्वाज सविता (भिण्ड म.प्र.) कवि श्री अनिल शर्मा अनंत डबरा ग्वालियर (म.प्र.) कवि श्री के जी द्विवेदी खुशदिल सतना (म.प्र.) कवयित्री श्रीमती बबीता सोनी ग्वालियर (म.प्र.) कवयित्री श्रीमती राज श्री यादव आगरा (उ.प्र.) कवयित्री श्रीमती स्नेहलता पाण्डेय स्नेह (गाजियाबाद दिल्ली) कवयित्री श्रीमती दीप्ति राजोरा कोटा (राजस्थान)
द्वितीय सत्र
“भोजन उपरांत द्वितीय सत्र प्रारंभ हुआ”
द्वितीय सत्र का संचालन कवि शिव गोविंद सिंह सरल जी ( बरेली जि. रायसेन (म.प्र.) के द्वारा प्रारंभ किया गया।
अध्यक्ष -डॉ कुमार संजीव जी (अध्यक्ष मध्य भारतीय हिन्दी साहित्य सभा ग्वालियर म.प्र.)
मुख्य अतिथि – श्रीमती अम्बिका झा जी (मुम्बई महाराष्ट्र)
सारस्वत अतिथि – प्रो.(डॉ.) मीना श्रीवास्तव ‘पुष्पांशी’ जी ( ग्वालियर म.प्र.)
विशिष्ट अतिथि – वरिष्ठ कवि अनिल शर्मा अनंत जी (डबरा ग्वालियर म.प्र.) व के जी द्विवेदी खुशदिल जी (सतना म.प्र.)
का श्रीफल, अंगवस्त्र तथा माल्यार्पण द्वारा स्वागत किया गया।
तत्पश्चात कवि सम्मेलन प्रारंभ हुआ जिसमें एक से बढ़कर एक रचनाएं प्रेषित की गईं
कलम से तुम शहीदों की सदा जयकार लिख देना।
वतन की वेदना लिखना अमन का सार लिख देना।
उठाना लेखनी जब भी नहीं डरना जमाने से।
दिखे गद्दार उसको बेहिचक गद्दार लिख देना।
राजकुमार सोनी ‘राज’ लखनऊ ( उ.प्र.)
सब बातों को यूँ अपनाना पड़ता है
गलत लगे तो भी झुक जाना पड़ता है l
तन्हा-तन्हा रो लेते हैं गज़लों में
महफ़िल में लेकिन मुस्काना पड़ता है l
दीप्ति राजोरा (कोटा )
यह हक़ीक़त है नहीं ख़्वाब सुनहरा कोई ,
मेरे दिल पर है तजुर्बों का ही पहरा कोई |
नीता भारद्वाज (जयपुर राजस्थान)
आज बचपन की दुनिया सुहानी लगे।
यार कांटों के जैसी जवानी लगे।।
विवेक विश्वास (मिर्जापुर उ.प्र.)
रोज़ परिश्रम करते हैं पुरुष मेहनत से कब डरते हैं।
ख़ुद को सबसे पीछे रखते घर को आगे रखते हैं।।
अम्बिका झा. मुंबई
बना नाव कागज घर रेत का था,
कहां खो गया वो जमाना हमारा।
सरोज अवधिया लालबर्रा जिला बालाघाट
एक ख़याब बार ए दिगर देखते हैं
कि मुहब्बत मैं डूबा शहर देखते हैं।
राजश्री यादव शिक्षिका एवं साहित्यकार आगरा।
जब भी मिलती हूँ तुमसे निखर जाती हूँ,
प्यार की खुश्बु बन कर बिखर जाती हूँ
श्रीमती मधु मनमौजी (कोटा राजस्थान)
कोख में न मारो मईया बेटी हूं तुम्हारी,
तुम भी हो नानी की बिटिया बात मानो हमारी ।
बबिता भरत सोनी ग्वालियर
अश्क आंखों के छुपाना,मुश्किल सा लग रहा है।।
बेवाक मुस्कुराना अब मुश्किल सा लग रहा है।।
के जी द्विवेदी खुशदिल (सतना मध्यप्रदेश)
जब तट अधर छूकर बहे, नित नेह की सरिता वही।
रस छन्द के रज मात्र से, भर दे हृदय कविता वही ।।
स्नेहलता पाण्डेय स्नेह गाजियाबाद दिल्ली
जिदंगी के लिए,एक हुनर चाहिए।।
जो परख लें नजर,वो नज़र चाहिए।।
शिव गोविन्द सिंह सरल
बरेली म.प्र.
आभारी चम्बल मैया का, घाटी रम्य सुहानी है।
सदियों से बहती आई है,क्षेत्र बड़ा बलिदानी है॥
उमाकांत भरद्वाज सविता ‘लक्ष्य’भिण्ड म.प्र
अंत में पटल अध्यक्ष श्री कमलेश कुमार शर्मा पटल प्रभारी श्रीमती दीप्ति राजोरा सहसंयोजिका श्रीमती स्नेहलता पाण्डेय स्नेह पटल प्रमुख -श्रीमती शिमला लक्ष्मी प्रिया द्वारा समस्त सम्मानित अतिथियों व साहित्यकारों का हृदय से आभार व्यक्त किया गया।




