
अमीर और ग़रीब में नहीं बाँटना है
हमारे मेधावी छात्र-छात्राओं को
सम्मानित करना श्रेष्ठ कार्य है,
उन्हें प्रोत्साहन स्वरूप पुरस्कृत
करना सर्वथा उचित, सार्थक है।
ग़रीब का बच्चा हो या अमीर का,
सभी भारत के होनहार नागरिक हैं,
देश की प्रगति, भविष्य का विकास
हर मेधावी विद्यार्थी पर निर्भर है।
उनमें भेदभाव करना,ग़रीब-अमीर
कहकर एक को प्रोत्साहित और
एक को हतोत्साहित नहीं करना है,
बच्चे बच्चे हैं उनमें भेद नहीं करना है।
सभी बच्चे और विद्यार्थी भारत के
और समाज के भविष्य निर्माता हैं,
राजनीति की ख़ातिर उन बच्चों को
अमीर और ग़रीब में नहीं बाँटना है।
जो आज ग़रीब है वही परिश्रम से
कल प्रवीण बन ऐश्वर्य कमायेगा,
अमीर का बच्चा श्रम नहीं करेगा,
कल वही धन विहीन हो जायेगा।
आदित्य ग़रीब-अमीर, ऊँच-नीच,
जाति वर्ग का भेद नहीं करना है,
अपने बच्चों को पढ़ा लिखा कर,
उन्हें ज़िम्मेदार नागरिक बनाना है।
डॉ कर्नल आदि शंकर मिश्र
‘आदित्य’, ‘विद्यावाचस्पति’
लखनऊ


