
आज नवम्बर चौदह आया।
भारत ने नेहरू को पाया।।
पढ़ लिख कर वे बने महान।
मिला जगत आदर सम्मान।।
प्रधानमंत्री प्रथम देश थे।
मिटा दिए सम्पूर्ण क्लेश थे।।
नेहरू जी को प्रिय गुलाब था।
टँका कोट ज्यों आफ़ताब था।।
बच्चों को थे अतिशय प्यारे।
उनको सदैव रहे दुलारे।।
बच्चों से महकी फुलवारी।
बच्चे उनकी दुनिया सारी।।
जब बच्चों के सम्मुख आते।
खेल-खिलौने उनको लाते।।
बच्चे पाकर अति हर्षाते।
उनका यशगान सदा गाते।।
बच्चे चाचा नेहरू कहते।
बच्चों के उर में वह रहते।।
भारत माँ को प्यारे बच्चे।
बच्चे होते मन के सच्चे।।
डॉ गीता पांडेय अपराजिता
रायबरेली उत्तर प्रदेश

