
मध्य प्रदेश के आदिवासी पिछड़े अंचल झाबुआ में जन्मे डॉ रामशंकर चंचल को आज विश्व पटल पर छाया हुआ एक सार्थक नाम से जाने जाती है जिनकी रचनाओं की अद्भुत कृतियों से हिंदी साहित्य गौरव सम्मान से नवाजा गया है जो विश्व स्तर पर दस्तक देती अमेज़न पर उपलब्ध हैं और सराही जाती हैं
बहुत ही कम लोग आज के समय के जानते है कि डॉ रामशंकर चंचल बेहद चर्चित बाल साहित्य लेखक कवि कथाकार उपन्यास कार है

जिनकी अनेक कृतियां बाल साहित्य लेखन को देश को भेंट हैं जो देश के अनेक हिंदी प्रांत मध्यप्रदेश के साथ बिहार, उत्तर प्रदेश आदि में ग्रामीण वाचनालयों में स्कूलों में दस्तक देती हुई छाई हुई हैं और पाठ्य पुस्तक के रूप में भी समाहित हैं एक ऐसा इतिहास रचा है उन्होंने बाल साहित्य लेखन में भी जो सचमुच वंदनीय होने के साथ सदियों याद किया जायेगा
बाल दिवस पर उनके अद्भुत बेहद सार्थक उपलब्धि लिए बाल साहित्य लेखन की चर्चा कर गर्व महसूस होता हैं देश को झाबुआ जिले को प्रदेश को
वंदनीय हैं यह अद्भुत साहित्य साधक डॉ रामशंकर चंचल जो सभी लेखन के साथ आज सम्पूर्ण देश विश्व में चर्चित स्थापित एक सार्थक प्रेरणा स्त्रोत नाम हैं




