साहित्य

देव दीपावली

बीना पाटनी

देव दीपावली की रात,
दीपों की रोशनी से जगमगाती।
गंगा के घाटों पर सजते हैं दीप,
भोले बाबा की कृपा से होती है बरकत।

दीपों की रोशनी में डूब जाता है शहर,
जगमगाती है गंगा की लहरें।
भक्तों की आस्था का है यह प्रतीक,
देव दीपावली की रात है अनुपम।

दीप जलाते हैं लोग अपने घरों में,
भोले बाबा की कृपा से होती है बरकत।
दीपों की रोशनी से जगमगाता है शहर,
देव दीपावली की रात है अनुपम।

दीपों की रोशनी में डूब जाता है शहर,
जगमगाती है गंगा की लहरें।
भोले बाबा की कृपा से होती है बरकत,
देव दीपावली की रात है अनुपम।
बीना पाटनी पिथौरागढ़ उत्तराखंड

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