
जहाॅं विराजित राम लखन सीता ,
जिनके शीश धर्म ध्वज लहराया ।
राम जानकी विवाह महोत्सव ,
मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी आया ।।
शिखर लहराया है धर्म पताका ,
जहॅं विराजित रामरूप भगवान ।
लाखों भक्त जिनके दर्शन करते ,
द्वार खड़े हैं रामभक्त हनुमान ।।
जहाॅं हुए भगवान राम अवतरित ,
वह अयोध्या तो भाग्यवान हुआ ।
लहरा शीर्ष धर्म ध्वज ये भगवा ,
भाग्योदय जो आलिशान हुआ ।।
जहाॅं शिखर धर्म पताका भगवा ,
जिसका देश अपना यह हिंद है ।
हिंद का हिंदी और हिंद का हिंदू ,
हिंदू सनातन प्रतीक अरविंद है ।।
राम जहाॅं हुए हैं धर्म मर्यादित ,
सूर्य का शौर्य है ये भगवा ध्वज ।
अयोध्या जिनका निवास बना है ,
अहम् तजकर सीताराम भज ।।
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )
बिहार ।



