

1.
राममंदिर में फहरी ध्वजा
संकल्प हुआ सिद्ध
तुम्हारे लिए
2.
अयोध्या हुई उजली आज
भक्ति हुई प्रखर
तुम्हारे लिए
3.
केसरिया ध्वजा लहर लहराई
आस्था हुई पूर्ण
तुम्हारे लिए
4.
शंखनाद गूँजा दूर तलक
आनंद बरसा हरि
तुम्हारे लिए
5.
आरती की सुन लय
मन हुआ पावन
तुम्हारे लिए
6.
दीप प्रज्वलित हुए आज
धर्म हुआ जीवंत
तुम्हारे लिए
7.
जय श्रीराम की ध्वनि
धरा हुई पुलकित
तुम्हारे लिए
8.
स्वर्णिम मंदिर दीप्त हुआ
जन-मन हरषित
तुम्हारे लिए
9.
रामकथा हरती हर कष्ट
संदेश हुआ स्पष्ट
तुम्हारे लिए
10.
चरणों में मन अर्पित
प्रभु हुए सन्निकट
तुम्हारे लिए
11.
आराधना की लौ जली
अंधकार हर गई
तुम्हारे लिए
12.
भक्तों की भीड़ भारी
आनंद वर्षा जारी
तुम्हारे लिए
13.
विजय की लिखी गाथा
ध्वजा हुई ऊँची
तुम्हारे लिए
14.
कण-कण में राम
उत्सव हुआ पूर्ण
तुम्हारे लिए
15.
भक्ति उमड़ी हर हृदय
अंधकार भागा दूर
तुम्हारे लिए
16.
अयोध्या में उत्सव भारी
भक्ति हुई प्रबल
तुम्हारे लिए
17.
रामलला विराजे अवध में
आलोक फैला चारों
तुम्हारे लिए
18.
मंदिर की पावन छटा
मन हुआ शांत
तुम्हारे लिए
19.
केसरिया पताका जो फहरी
धरा हुई धन्य
तुम्हारे लिए
20.
द्वार खुले प्रभु के
करुणा बरसी तुरंत
तुम्हारे लिए
21.
घंटों का मधुर नाद
शांति उतरी पावन
तुम्हारे लिए
22.
आरती की सुन आभा
नेत्र हुए नम
तुम्हारे लिए
23.
नवदीप भी जल उठे
उत्सव बना मंगल
तुम्हारे लिए
24.
रामधुन गूँजी दूर तलक
हर्ष भरा मन
तुम्हारे लिए
25.
भक्तों की भीड़ उमड़ी
वंदन हुआ पूर्ण
तुम्हारे लिए
26.
पुष्प वर्षा अविरल हुई
आस्था हुई गाढ़ी
तुम्हारे लिए
27.
राम कथा बहती रही
भाव हुए निर्मल
तुम्हारे लिए
28.
प्रभु का पावन मंदिर
दीप्त हुआ आज
तुम्हारे लिए
29.
सजे आराधना के दीप
सुख बरसा हरसा
तुम्हारे लिए
30.
मन मंदिर में राम
शांति उतरी सहज
तुम्हारे लिए
डाॅ.शिवेश्वर दत्त पाण्डेय
लेखक दि ग्राम टुडे प्रकाशन समूह के समूह सम्पादक हैं।




