आलेख

एनडीए को प्रचंड ऐतिहासिक जनादेश

नवनीत कुमार

बिहार विधानसभा का यह नतीजा अप्रत्याशित हैं. इतिहास में ऐसे दिलचस्प नतीजे शायद ही किसी राज्य के रहे होंगे. यह नतीजों ने आपको भी चौकने पर मजबूर कर दिया होगा. यह तो सबको पहले से ही पता था कि इस बार बिहार विधान सभा चुनाव में एनडीए की जीत होगी . लेकिन इतनी बड़ी जीत ने सबको चौकाया हैं. इसकी अनुमान तो शायद किसी ने भी नही लगाया था. यहा तक विजेता गठबंधन भी ऐसी बड़ी जीत की कल्पना नही कर रहा था.

बिहार में जैसे रिकॉड मतदान ने चौकाया था . ठीक वैसे ही नतीजों ने सोचने पर मजबूर कर दिया है. 243 सदस्यीय बिहार विधान सभा चुनाव में एनडीए गठबंधन ने 202 सीटे पर जीत मिली है. 89 सीट जीतकर इतिहास में पहली बार भाजपा ने बिहार की सबसे बड़ी पार्टी बनी हैं. वही जदयू 85 सीटों पर जीत का प्रचम लहराया है. चिराग पासवान की पार्टी लोजपा को भी 19 सीटों पर जीत मिली है. जीतन राम मांझी की पार्टी हम को 5 और उपेंद्र कुशवाह की पार्टी रलोमो को भी 4 सीटों पर जीत मिली है. वही महागठबंधन को उमीद से कम मात्र 35 सीटे ही जीत पायी हैं. यह जनादेश इतना असरदार हैं कि बिहार में पहली बार विपक्ष का कोई नेता नहीं होगा. महागठबंधन के सभी लोक लुभावन वादो को नकारते हुए मतदाताओं ने सपनों से ज्यादा हकीकत और सहूलियत पर भरोषा जताया है. प्रचंड जनादेश देकर बिहार के मतदाताओं ने यह साबित कर दिया है कि हमे नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार की जोड़ी पर पुरा भरोषा है. इस चुनाव में अमित शाह और धर्मेन्द्र प्रधान के रणनिति व संयोजन को भी भुला नहीं जा सकता हैं. 20 साल सत्ता में रहने के बाद भी नीतीश कुमार बिहार के सबसे लोकप्रिय चेहरा बने हुए हैं. यह दिखता है कि उनके द्वारा किए गए कार्य से बिहार की जनता संतुष्ट हैं. यह कोई मामूली उपलब्धि नहीं है. इस चुनाव को मोदी मैजिक से भी अलग नहीं देखा जा सकता हैं. क्योंकि जहाँ प्रधानमंत्री की रैलियां हुई वहा न केवल मतदान प्रतिशत मे वृद्धि हुई बल्कि बंपर जीत भी मिली. अगर भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनी है तो इसका श्रेय भाजपा के चाणक्य अमित शाह को देना होगा. अमित शाह ने न केवल चुनाव का कमान संभला बल्कि सभी नाराज व बागियों को भी काम पर लगाया. इस बार का बिहार का जनादेश राज्य की राजनीति से लेकर राष्ट्रीय राजनीति परिदृश्य को भी एक बड़ी हद तक प्रभावित करेगा. यह चुनाव प्रशांत किशोर के लिए भी एक सीख हैं कि चुनाव जितवाने और जितने मे जमीन आसमान का अंतर होता हैं. कुल मिलाकर यह जनादेश ने यह साबित किया कि बेहतर शासन का बेहतर नतीजा मिलता है और झूठ पर जनता यकीन नहीं करती हैं.
नवनीत कुमार, मोतिहारी

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!