
– डॉ. पंकज भारद्वाज
फायकू दिवस प्रतिवर्ष 21 नवंबर को मनाया जाता है। 21 नवंबर 2012 को नजीबाबाद निवासी अमन कुमार त्यागी ने पहला फायकू कहा था – गुनाहों की हर तरकीब/ मुझे आज़माने दो/तुम्हारे लिए।
मेरा फायकू से परिचय विगत दिनों रश्मि अग्रवाल की पुस्तक मेरे 1001 फायकू के
विमोचन अवसर हुआ,जब उक्त समारोह में
मुझे मुख्य अतिथि के रुप में शामिल होने का अवसर मिला।
फायकू जैसी रोचक,सरल और सरस विधा से इतनी सहजता हो गयी कि अपने संबोधन में मैंने
भी पांच सात बातें फायकू में ही कह दी।लगभग सभी अतिथियों साहित्यकारों ने फायकू में,फायकू पर बोला। फायकू के प्रवर्तक अमन त्यागी ने अपने संबोधन में रश्मि अग्रवाल की
पुस्तक के साथ साथ डॉ.अनिल शर्मा ‘अनिल’
के फायकू की विकास यात्रा में योगदान का
जिक्र किया।
मेरे मित्र , बड़े भाई अनिल जी को मैं धामपुर से ही जानता हूं अपने कार्य और योगदान की चर्चा
करने में हमेशा संकोच करते हैं। फायकू के प्रवर्तक अमन कुमार त्यागी ने ओपन डोर 21 मार्च 2024 के अंक में अपने संपादकीय में लिखा कि-
‘यह सच है कि फायकू सर्वप्रथम श्रीभगवान की असीम अनुकम्पा से प्रथम बार मेरी ही मुंह से निकला। देखते ही देखते अर्चना राज नागपुर से, रश्मि अभय पटना से, सविता मिश्रा आगरा से, आशा पांडेय ओझा ‘आशा’ जोधपुर से,और न जाने कितने साहित्यकारों ने फायकू की पतवार संभाली। तत्पश्चात 2013 के आगरा ताज महोत्सव में प्रसिद्ध व्यंग्यकार अविनाश वाचस्पति जी ने विस्तृत रुप से फायकू पर चर्चा की। कुछ काल अनुकूल नहीं रहा मगर 2023 में जिस तरह से डॉ.अनिल शर्मा ‘अनिल’ ने फायकू को अपने कंधे पर बैठाया और उसे दूर के दर्शन कराए तो मानो फायकू को पंख लग गए।’
वास्तव में अनिल जी ने स्वयं फायकू लिखने के साथ ही साथ अनेक रचनाकारों को फायकू लिखने के लिए प्रेरित किया।कई पत्रिकाओं के फायकू विशेषांक विषय विशेष पर तैयार करा दिये।अनियत कालीन ई पत्रिका अनियमित अभिव्यक्ति के फायकू विशेषांक निकालकर रचनाकारों को फायकू लेखन के लिए प्रेरित किया। गूगल पर फायकू शब्द टाइप कर सर्च करने पर अनिल जी के फायकू सामने आ जाते हैं।
फायकू विधा को लेकर हुए कुछ विशिष्ट कार्य, प्रकाशन और आयोजन जिनमें –
*ओपन डोर का फायकू विशेषांक 14-10-2023 प्रकाशित हुआ जिसमें एशियाई खेलों पर 103 फायकू डॉ.अनिल शर्मा ‘अनिल’ के और साथ में रचनाकारों अविनाश वाचस्पति, अर्चना राज,आशा पाण्डेय ओझा आशा, रश्मि अभय,अमन कुमार त्यागी, सविता मिश्रा, डॉ.अनिल शर्मा ‘अनिल’ के विभिन्न विषयक 100-100 फायकू प्रकाशित हुए।
*दि ग्राम टुडे का नवरात्रि फायकू विशेषांक,(संपादक डाॅ.शिवेश्वर दत्त पाण्डेय) 22-10-2023 को प्रकाशित हुआ ।*ओपन डोर में नववर्ष के फायकू, 28-12-2023के अंक में प्रकाशित किए गए।*21-11-2023 को ओपन डोर का फायकू दिवस अंक निकला जिसमें फायकू साहित्य पर विशेष सामग्री प्रकाशित की गयी। फायकू संबंधी आलेख, विचार भी इस अंक में शामिल थे।
*यू ट्यूब पर 15-10-2023 को अमन त्यागी ने
फायकू पर आयोजित कार्यक्रम में वक्तव्य दिया।
*21 फरवरी 2024 को 55 फायकू रत्न सम्मान दिये गये।
*स्वाभिमान ई पत्रिका में नववर्ष के फायकू प्रकाशित हुए।*ओपन डोर 7-3-2021,शिव के फायकू विशेषांक का प्रकाशन किया गया।
*अनिल अभिव्यक्ति का अंक 151,सरदी के फायकू विशेषांक प्रकाशित हुआ *19-2-2024.ओपन डोर , देशभक्ति के फायकू विशेषांक प्रकाशित हुआ।
* आकाशवाणी पर फायकू पंहुचे।आकाशवाणी नजीबाबाद से पहली बार फायकू 5-12-2023 को रात्रि 9:30 पर प्रसारित काव्यगोष्ठी में अनिल जी ने पढ़े।
* फायकू गीत पहली बार अमर उजाला काव्य अंतरजाल पटल पर होली के अवसर पर मार्च 2024 में प्रकाशित हुए जो डॉ.अनिल शर्मा ‘अनिल’ ने रचे हैं।
ओपन डोर का 14 मई 2024 का अंक बिजनौर के फायकू विशेषांक जिसका अतिथि संपादन- अनिल जी ने किया।
ओपन डोर का एक अंक डॉ.अनिल शर्मा ‘अनिल’ के 1001 फायकू विशेषांक प्रकाशित हुआ।जिसकी सराहना मंडलायुक्त महोदय ने भी की।
अनिल जी संपादन में 50 फायकूकारों के 100 फायकू का संकलन दीपावली के फायकू आया है
जिसमें दीपावली पर्व पर रचित फायकू संकलित हुए हैं।
देश भर में लगभग 150 रचनाकार फायकू लिख रहे हैं। हमारे जनपद बिजनौर में ही लगभग तीन
दर्जन रचनाकारों ने इस विधा में लिख रहे है। जिनमें अक्षि त्यागी,सुधीर कुमार राणा,सुमन
चौधरी सुमन, डॉ.प्रमोद शर्मा प्रेम, डॉ.पंकज कुमार चौहान,अशोक विश्नोई, गोविन्द सिंह बौद्ध, आचार्य पंडित धर्मानन्द त्रिपाठी, भारती
त्यागी,अशोक कुमार, आलोक त्यागी, डॉ.भूपेन्द्र कुमार, रचना शास्त्री, रश्मि अग्रवाल, विनोद शर्मा, डॉ.पूनम चौहान,विभोर अग्रवाल,
डॉ.सुशील कुमार त्यागी अमित, डॉ.अशोक शर्मा,चारु राजपूत,ज्योतिराज मधुरिमा,बेगराज यादव प्रणाम सर, सत्येन्द्र शर्मा तरंग, रंजना हरित,मंजु त्यागी,यशोधर डबराल, डॉ.अनिल शर्मा ‘अनिल’, संदीप कुमार शर्मा,जय प्रकाश जौली, डॉ.सारंगादेश असीम,अमन कुमार त्यागी,
आनंद विभोर यादव,संजीव दीपक,प्रमोद सिंह
के नाम प्रमुख हैं।
अनिल शर्मा ‘अनिल’ का कहना है कि अमन त्यागी ने साहित्य कौन नयी विधा फायकू दी
जो समर्पण का पवित्र भाव लेकर चलती है।
यानी तेरा तुझको अर्पण की भावना,ही इस विधा का मूल भाव है। इसीलिए इसके प्रगति पथ में आने वाली बाधाएं इसके सामने टिक नहीं सकती।



