
हे गणपति बुद्धि के दाता, विनय करें हम हाथ जोड़,
अज्ञान तम हर लो भगवन, कर दो जीवन में उज्जोर।
वक्रतुंड सुखकारक देवा, विघ्न हरन मंगलकारी,
तेरी कृपा से जागे चेतन, हो मन निर्मल, बुद्धि संवारी।
लाडले मोदक प्रिय विघ्नेश, कर दो मन में स्थिर विचार,
सत्य पथ पर दृढ़ रख देना, हटे मोहा का सारा भार।
तेरी वाणी से ज्ञान झरे, तेरे चरणों में शांति धरे,
प्रभु तुम हो अंतर के साक्षी, मन-मंदिर में दीप जरे।
करुणा से भर दो जीवन, हटे कपट की हर परछाई,
तेरी कृपा से पाऊँ मैं वो—बुद्धि, जो सबको भलाई।
विनती मेरी सुनो गणनायक, साधक बनूँ तेरे चरणों का,
हे विघ्नविनाशक बुद्धिदाता, आरंभ हो नाम तुम्हारे का।
डाॅ सुमन मेहरोत्रा
मुजफ्फरपुर, बिहार


