काली नेशनल अवॉर्ड फिल्म, अंग्रेजी अनुवाद कथा,अब मसीहा आंचलिक उपन्यास के रूप में विश्व धरा पर

मध्य प्रदेश के आदिवासी पिछड़े अंचल झाबुआ के साहित्य साधक डॉ रामशंकर चंचल की अद्भुत कथा काली नेशनल अवॉर्ड फिल्म से सम्मानित हुई छाई फिर अंग्रेजी भाषा में अनुवाद किया डॉ पुलकिता आनंद द्वारा प्रकाशित विश्व पटल पर दस्तक देती अमेज़न पर उपलब्ध कृतियों में समाहित हो छाई हुईं है और उन्हीं के स्वर में पेश की अंग्रेजी भाषा में अनुवाद यू ट्यूब वीडियो हजारों द्वारा सुन सराही गया विश्व स्तर पर दस्तक देता
आज वहीं झाबुआ जिले के आदिवासी जन जीवन पर केंदित दस्तक देती अमेज़न पर उपलब्ध कृतियों में समाहित होने जा रही है इसी वर्ष इंकलाब पब्लिकेशन बम्बई द्वारा प्रकाशित हो, मसीहा आंचलिक उपन्यास के रूप में विश्व स्तर पर उपलब्ध कृति होगी
काली की अद्भुत यात्रा है जो सचमुच वंदनीय हैं आज झाबुआ जिले की काली सम्पूर्ण विश्व पटल पर दस्तक दे थी है सालों से चर्चित हो चर्चा बनी हुई है, एक अमर कलाजयी कथा है और अब वहीं काली अपनी जीवन में आगे कर समाज की,मसीहा, बन कर सामने आई है और हजारों लाखों की प्रेरणा स्त्रोत बन गई हैं
इस शीघ्र आ रहे उपन्यास मसीहा की अद्भुत सार्थक सत्य भूमिका में देश के बेहद चर्चित दैनिक समाचार पत्र ग्राम टुडे उत्तरा खंड के डॉ शिवेश्वर दत्त पाण्डेय साहब की लिखी गई बेहद सार्थक सत्य लिए है जो झाबुआ जिले के आदिवासी पिछड़े अंचल को गौरव सम्मान दिलाया है और झाबुआ के साहित्य साधक डॉ रामशंकर चंचल की साहित्य साधना तपस्या को दर्शाया है
जल्दी ही इसी वर्ष इंकलाब पब्लिकेशन बम्बई द्वारा प्रकाशित हो रही कृति मसीहा आंचलिक उपन्यास दस्तक देने जा रही है संपूर्ण विश्व धरा पर विराजमान झाबुआ को गौरव सम्मान देती हुई
वंदनीय है डॉ रामशंकर चंचल का अद्भुत लेखन और साधना तपस्या जो सचमुच आज सम्पूर्ण देश में विश्व में चर्चित हो चर्चा बनी है



