साहित्य

कभी यार तुमसे

कनक

कभी यार तुमसे मेरी बात होगी
मुहब्बत इश्क़ में भी ना घात होगी।।//१//

तेरी दोस्ती भी मिसाल हैं जो मेरी
ख़ुदा वास्ते अब मुलाकात होगी।।//२//

हमसफ़र हो तुम भी मोहब्बत हो मेरी
तुम्हारे लिए ख़ास बरसात होगी।।//३//

मुहब्बत हमारी तुम्हारे लिए है
कभी यार मिलन में भी रात होगी।।//४//

ताज़मीन

वफाएं हमारी रहे तेरे बिन क्या
चलो मय कदे में वही बात होगी।।//५//

सुहाना सफ़र हौंसला रख लो तुम भी
हमें लग रहा ख़ास बरसात होगी।।//६//

इंतज़ार में देखो खिलेंगा ये गुलशन
ये दिल भी खिले फूल बन रात होगी।।//७//

कनक

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