माता-पिता को समर्पित ‘विमला ज्ञान साहित्य मंच’ पर ‘काव्य गोष्ठी संपन्न

माता-पिता/ सास-ससुर की स्मृतियों को जीवंत रखने के उद्देश्य से अंजू श्रीवास्तव/ सुधीर श्रीवास्तव द्वारा स्थापित ‘विमला ज्ञान साहित्य मंच’ पर आभासी काव्य गोष्ठी का ‘आयोजन 28 नवंबर ‘2025 को किया गया। गोष्ठी अपराह्न 04 बजे से शाम लगभग 06.30 बजे तक निरंतर गतिमान रहकर भव्यता के साथ संपन्न हुई।
काव्यगोष्ठी का शुभारंभ कवि सुनील कुमार शिशौदिया हापुड़, उत्तर प्रदेश की वाणी वंदना से हुआ। तत्पश्चात मंच संरक्षक डा. सुधीर श्रीवास्तव ने अपने उद्बोधन में मंच के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विमला ज्ञान साहित्य मंच संस्थापिका अंजू श्रीवास्तव ने अपने माता-पिता तुल्य सास ससुर की स्मृतियों को सहेजने के उद्देश्य से किया गया है। मार्गदर्शक डा. ओम ऋषि भारद्वाज की ओर से अपने संबोधन में आयोजन में शामिल सभी सम्मानित मनीषियों का स्वागत उद्बोधन दिया। संयोजिका डा. निधी बोथरा जैन ने आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बताया कि मंच आभासी काव्य गोष्ठी के अलावा विशिष्ट विभूतियों पर लेखन और साझा संकलन के प्रकाशन की दिशा में निरंतर प्रयास कर रहा है।
तत्पश्चात् काव्य पाठ का सिलसिला शुरू हुआ। लगभग 27 कवियों /कवयित्रियों ने विविध विषयक अपनी मनमोहक, उल्लासपूर्ण प्रस्तुतियों से काव्य गोष्ठी को ऊंचाइयों तक पहुंचाया।डा. निधी बोथरा जैन एवं यमराज मित्र सुधीर श्रीवास्तव ने कुशल मंच संचालन के द्वारा काव्यगोष्ठी को सफलता प्रदान की।
अंत में रायबरेली काव्य रस साहित्य मंच भारत के संस्थापक/वरिष्ठ कवि साहित्यकार डा. शिवनाथ सिंह ‘शिव’ आभार धन्यवाद ज्ञापित किया, जबकि मंच संयोजिका डा. निधी बोथरा जैन ने गोष्ठी के विराम की घोषणा की।
आयोजन को सफल बनाने में विभिन्न मंचों के पदाधिकारियों, वरिष्ठ कवियों, कवयित्रियों सहित रायबरेली काव्य रस साहित्य मंच के संस्थापक शिवनाथ सिंह ‘शिव’, आर. एम. लाल, अरविंद कुमार ‘अनोखे’ का सराहनीय योगदान रहा। सभी पदाधिकारियों और शुभचिंतकों की सक्रिय गरिमामय उपस्थिति से आयोजन को सफल बनाने में सफलता प्राप्त हुई।



