
राहों में यूं तंग करना, ये कोई शौर्य नहीं होता है ‘
इज्जत का अर्थ समझ लो,वही असली गौरव होता है।
दूसरों की बेटियों को भी, अपनी बहन जैसी मानो तुम’
यही संस्कार हर इंसान का, असली आभूषण होता।
बदल डालो आदतें ,जो दूसरों को पीड़ा देती है’
नजरे झुक के चलना ही, असल में सज्जनता होती है।
कानून से पहले खुद को सुधारो, यह सबसे अच्छा है होता है ।
सम्मान की राह पकड़ लो यहीं, जीवन की विजय होती है।।
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✍️दिनेश पाल सिंह *दिलकश*
चन्दौसी जनपद संभल




