साहित्य

पीटा ढोल

कवि सिद्धनाथ शर्मा * सिद्ध *

अक्कड़ बक्कड़ बम्बे बोल ।
घर से ‌ चावल आटा गोल ।।

नित्य बिछाये नयका जाल ।
बोली‌ भाषा बा अनमोल ।।

नाम लिखावा जा कालेज ।
कब ले रहबा तू बकलोल ।।

सुनत सुनत पाकल ई कान ।
कलुआ अब तू चिट्ठा खोल ।।

दम नाहीं बा अब विपक्ष में ।
पटना जा अब पीटा ढोल ।।

कवि सिद्धनाथ शर्मा * सिद्ध *

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