साहित्य

प्रस्तुत हैं कुछ फायकू

संजय प्रधान

1- आए दिन बहार के,
फूल लाया हू़ं,
तुम्हारे लिए ‌।

2- अभी दिल भरा नहीं,
मैं कहना चाहूंगा,
तुम्हारे लिए।

3- तुम सुनना ध्यान से,
मैं जो कहूंगा,
तुम्हारे लिए।

4- माना की बदला जमाना,
मैं नहीं बदला,
तुम्हारे लिए।

5- चलो बाहर चलते हैं,
कार्यक्रम बनाया है,
तुम्हारे लिए।

6- तुम हसीन मैं जवान,
मैं सोचता हूं,
तुम्हारे लिए।

7- चांद भी आया आज,
कुछ कहने को,
तुम्हारे लिए।

8- गहने वो जरूर पहनना,
जो मंगाए मैने,
तुम्हारे लिए।

9- बहुत सुंदर मौसम में,
एक कविता लिखूंगा,
तुम्हारे लिए।

10- त्योहारों के मौसम में,
मैं सजाऊंगा दीपावली,
तुम्हारे लिए।
संजय प्रधान
देहरादून।

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