यूपी

रायबरेली काव्य रस साहित्य मंच पर काव्य गोष्ठी संपन्न

रायबरेली काव्य रस साहित्य मंच (पंजी.) की केंद्रीय इकाई द्वारा पर एक भव्य आभासी काव्य संध्या का आयोजन 31 नवंबर ‘2025 को सायं 7 बजे से किया गया। लगभग तीन घंटे से अधिक समय तक चली विविध विषयक काव्य गोष्ठी में कवियों कवयित्रियों ने अपने सुमधुर, मोहक प्रस्तुतियों से कवि सम्मेलन ऊंचाइयाँ प्रदान की।

गोष्ठी का शुभारंभ शुभारंभ वरिष्ठ कवि प्रमोद राणा की वाणी वंदना और वरिष्ठ कवयित्री संध्या श्रीवास्तव ‘सांझ’ द्वारा गणेश वंदना की प्रस्तुति के साथ हुआ।
उसके बाद मंच उद्बोधन प्रस्तुत करते हुए संस्थापक डॉ शिवनाथ सिंह “शिव” ने सभी सम्मानित अतिथियों एवं साहित्यकारों का स्वागत अभिनंदन करते हुए बताया कि साहित्यकारों के सक्रिय सहयोग से रायबरेली काव्य रस साहित्य समूह ( भारत ) की केंद्रीय पटल सहित देश भर मे 11 प्रदेश इकाईयों के साथ हिंदी साहित्य के संवर्धन, प्रसार प्रचार के लिए काम कर रहा है। संरक्षक/ प्रशासक सुधीर श्रीवास्तव ने अपने वक्तव्य में समर्पित प्रयासों की सराहना करते हुए कि निरंतर प्रयास जारी रखने से ही हमें आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। संगठन सचिव डा. शिव कुमार सिंह शिव ने अपने विचार रखते हुए संगठन की मजबूती, उद्देश्य और सार्थकता पर जोर दिया।
तत्पश्चात विधिवत काव्य गोष्ठी का आगाज़ हुआ। जिसमें में देश के विभिन्न राज्यों के 35 से अधिक कवियों/कवयित्रियों ने भाग लिया। सम्मेलन रात्रि लगभग दस बजे तक चला।
संचालक की भूमिका में संध्या श्रीवास्तव ‘सांझ’, डा. सुप्रीति चावला और सुनीता मिश्रा ने अपने संचालन से गोष्ठी की सफलता में अहम योगदान दिया। और काव्य की अविरल साहित्य धारा को आगे बढ़ाया।कवि सम्मेलन में देश के विभिन्न राज्यों के 30 से अधिक रचनाकारों ने भाग लिया। सम्मेलन रात्रि लगभग दस बजे तक चला।
गोष्ठी को सफल बनाने में आर एम लाल, छोटे लाल सिंह, आभा गुप्ता, प्रगति शंकर सहाय, पूर्णिमा सुमन, उमाकांत जा सहित सभी पदाधिकारियों, वरिष्ठ साहित्यकारों का सराहनीय योगदान रहा।
कार्यक्रम के अंतिम पड़ाव पर केंद्रीय पटल के मुख्य संरक्षक/प्रशासक डॉ सुधीर श्रीवास्तव गोण्डा ने इस तरह के कार्यक्रमों की प्रासंगिकता और उपादेयता पर अपने विचार रखे तथा शिवनाथ सिंह शिव ने भविष्य मे ऐसे कार्यक्रमों के विभिन्न पटलों पर आयोजन की बात पर सुझाव और मार्गदर्शन दिया।
अंत मे संस्थापक शिव कुमार सिंह शिव ने अतिथियों कवियों कवयित्रियों का आभार ज्ञापित करते हुए आयोजन तक कार्यक्रम के विराम की घोषणा की।

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