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शिक्षकों के ‘दिवस्वप्न संवाद’ को सम्मान: बहराइच के 2 शिक्षक राष्ट्रीय शिक्षा सारथी सम्मान से विभूषित

​लखनऊ/बहराइच। शैक्षिक संवाद मंच उत्तर प्रदेश द्वारा लखनऊ के अम्बर होटल में आयोजित राष्ट्रीय शिक्षा सारथी सम्मान समारोह में बहराइच जनपद के 2 शिक्षकों को उनके विशिष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
​मुख्य अतिथि डॉ. पवन पुत्र बादल ने ‘आनंदघर’ की संकल्पना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसे पूरा करने के लिए समृद्ध भारतीय परंपराओं का संरक्षण सबसे ज़रूरी है। उन्होंने अंग्रेजों और बेतुके टीवी सीरियलों द्वारा संस्कृति को हो रहे नुकसान पर गहरी चिंता व्यक्त की और शिक्षकों से मूल्यों की रक्षा करने का आह्वान किया।
​बहराइच जनपद से सम्मानित होने वाले शिक्षक हैं: प्रतीक गुप्ता और डॉ० क्षमा सिंह।
​समारोह में जिन तीन महत्वपूर्ण पुस्तकों का विमोचन हुआ, उनमें गिजुभाई बधेका की कृति ‘दिवास्वप्न’ पर आधारित शिक्षकों के अनुभवों का संग्रह ‘दिवस्वप्न–संवाद’ (प्रमोद दीक्षित मलय द्वारा संपादित) प्रमुख थी। इस संग्रह के सहभागी शिक्षकों को शब्द मंजरी सम्मान से भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के संयोजक दुर्गेश्वर राय ने बताया कि मंच शिक्षकों के क्षमता निर्माण और ‘विद्यालय बने आनंदघर’ के लक्ष्य को लेकर प्रयासरत है।

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