सर्दी में रोज देर से जागे सूरज
कोहरे में चांद सा लागे सूरज
गर्मी में बस यह देर तक ठहरे
सर्दी में बस जल्दी भागे सूरज
घर के पीछे ही क्यों छुप जाता
निकले जब घर के आगे सूरज
सबके घर को वह रोशन करता
बदले में भी कुछ ना मांगे सूरज
पं पुष्पराज धीमान भुलक्कड़
गांव नसीरपुर कलां हरिद्वार उत्तराखंड




