साहित्य

सर्दी के फायकू

डॉ. नवनीता दुबे नूपुर

कटकटाती सर्दी प्रचंड रूप
छत सुनहरी धूप
तुम्हारे लिए।

गुड़- लड्डू, गर्म चाय कॉफी
देर जागने माफी
तुम्हारे लिए।

कोट जैकेट रजाई शॉल
गर्म मोजे रुमाल
तुम्हारे लिए।

अलाव की लपटें खास
गर्माहट का अहसास
तुम्हारे लिए।

सोंठ अदरक काला जीरा
मेवा मिला हरीरा
तुम्हारे लिए।

हरी हरी ताजी सब्जी
फल लदी डाली
तुम्हारे लिए।

शीत का सुखद मौसम
संगीत की सरगम
तुम्हारे लिए।

सुंदर फूलों भरा उपवन
सुखद अहसास मधुवन
तुम्हारे लिए।

सबसे निराला है सुंदरतम
मृदु रूमानी मौसम
तुम्हारे लिए।

पहाड़ियों में करते सैर
हम नहीं गैर
तुम्हारे लिए।

डॉ. नवनीता दुबे नूपुर ©®,✍️
मंडला मप्र।

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