
अयोध्या में सजे तोरण ,मेरे प्रभु राम आए हैं
रहे वर्षों तलक वन में ,लौट निज धाम आए हैं..
बिछाओ फूल राहों में,जलाओ दीप घर घर में
मनाओ आज दीवाली,नयन अभिराम आए हैं
अयोध्या……
विराजेंगे सिंहासन पर साथ में जानकी होंगी
चरणों में अंजनीलाला भक्ति निष्काम लाए हैं
अयोध्या…..
लखन धरती के धारक हैं,भरत पृथ्वी के पालक हैं
शत्रुघ्न सैन्य-शक्ति हैं,तीनों सुख धाम आए हैं
अयोध्या…….
निकट सरयू की धारा है,अयोध्या धाम प्यारा है
बज रहे शंख और घंटे,संतों ने गान गाए हैं
अयोध्या…….
आशा बिसारिया चंदौसी




