
तुम कहो तो
तुम कहो तो, मनोरंज, जोकर बन जायेगे हम।
तुम कहो तो, छाए, सूरज से लड़ जायेगे हम।
तुम कहो तो, नशा ,शराब बन जायेगे हम।
तुम मांगो तो, जान , खुद को कुर्बान कर देंगे हम।
तुम मांगो तो पानी, समुद्र नाम कर देंगे हम।
तुम मांगो लंबी उम्र , अपनी उम्र भी तुम्हारे नाम कर देंगे हम ।
तुम मांगो अगर ,हमसे दूरी, तो इतना दूर चले जाएंगे हम,
धरती पे नीचे देखो राख में मिलेंगे ,
आसमान में देखोगे तो रात में सितारों में नजर आयेगे हम
नीतू सिसोदिया
लक्सर, उत्तराखंड




