
कार्तिक मासे शुक्ल पक्षे
पवित्र पावन तिथि एकादशी आई,
आषाढ़ मास में सोए देव,
आज के दिन तुम जागो देव,
गन्ने और सिंघाड़े का तुम,
भोग लगा अमृत कर दो तुम,
अपनी निद्रा से तुम जागो देव।
श्री हरि अपनी योग निद्रा से जागे,
जो बनी देवउठवनी एकादशी।
और, शुरू होते हैं सारे मंगल कार्य,
पाणिग्रहण की इस मंगल बेला में,
शालिग्राम रूप में आकर ,
तुलसी संग तुमने ब्याह रचा कर,
इस दिन को पावन और पवित्र बनाया,
हर्ष और उल्लास के संग इस पर्व को हम मनायेंगे,
उठो देव तुम जागो देव,
उठो देव तुम जागो देव।।
शशि कांत श्रीवास्तव
डेरा बस्सी मोहाली पंजाब
02-11-2025




