
गाया ये जन जन के कण्ठ ने यं सुमधुर गानम ।
वंदे मातरम् वंदे मातरम्।।
स्वतंत्रता के स्वर में मिश्रण यह दीवानों का प्रान ।
तन मन धन सौंपा स्वदेश को गाया यह ही गान ।।
सर्व सिख सनातन भ्रातरम्।।
वंदे मातरम् , वंदे मातरम्

भारत मां यशोगान यह , यह स्वाभिमान का भान ।
राष्ट्रीयगीत बंकिम जी विरचित ये सैनानी का मान ।।
स्वाधीनता समर्पित गातरम्।।
वंदे मातरम् , वंदे मातरम्
शत पंचादश वर्ष बीत गये , सस्वर गाते यह गीतम।
विश्व कुटुंब भावना मेरी , सुहृदं सरल सहज प्रीतम।।
विश्व गुरु गरिमा अयं राष्ट्रम्।।
वंदे मातरम् , वंदे मातरम्
आजादी का अमर मंत्र यह , गाये स्वतंत्रता सेनानी।
लड़ते रहे सदा सहर्ष सब , कभी स्व हार नहीं मानी ।।
यह हिमगिरि किरीट मातरम् ।
वंदे मातरम् , वंदे मातरम्
डा राजेश तिवारी मक्खन
झांसी उ प्र




