नैतिक मूल्यों के संवाहक शिक्षाविद प्रो. विनोद की पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धांजलि
सातवीं पुण्यतिथि पर मथुरिया मोहल्ले में आयोजित श्रद्धांजलि सभा, शिक्षा व सामाजिक न्याय के क्षेत्र में योगदान को याद किया गया

बिहारशरीफ/मथुरिया मोहल्ला।
शिक्षाविद, समाजसेवक और सामाजिक न्याय के प्रखर प्रहरी डॉ. (प्रो.) बिनोद कुमार सिंह की सातवीं पुण्यतिथि के अवसर पर रविवार को स्थानीय मथुरिया मोहल्ले में एक श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। यह कार्यक्रम प्रो. विनोद स्मृति सेवा संस्थान बिहार एवं श्री राष्ट्रीय राजपूत करनी सेना बिहार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करनी सेना के प्रदेश संरक्षक श्री नीरज कुमार सिंह ने की।
“शिक्षा ही था उनका जीवनधर्म”— वक्ताओं ने किया स्मरण
सभास्थल पर बड़ी संख्या में बुद्धिजीवी, सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षक व स्थानीय लोग उपस्थित रहे।
वक्ताओं ने स्व. सिंह के योगदान को याद करते हुए कहा कि वे सिर्फ एक शिक्षक नहीं, बल्कि नैतिक मूल्यों के संरक्षक और शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन का सबसे बड़ा माध्यम मानने वाले व्यक्तित्व थे।
अध्यक्षता करते हुए श्री नीरज कुमार सिंह ने कहा—
“स्व. प्रो. विनोद बिहार में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर अत्यंत संवेदनशील रहे। सशक्त और जागरूक बिहार बिना मजबूत शिक्षा व्यवस्था के असंभव है, और स्व. सिंह ने इसे अपनी जीवनभर की साधना बनाया।”
उन्होंने बताया कि स्व. सिंह ने समाज के हर वर्ग को जोड़कर शिक्षा को अधिकार के रूप में स्थापित करने की दिशा में कार्य किया।
सामाजिक न्याय और समानता के योद्धा थे: अधिवक्ता कुमुद रंजन
पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता कुमुद रंजन सिंह ने कहा कि स्व. प्रो. विनोद ने अपने जीवन में धर्म, जाति, क्षेत्र के भेदभाव से ऊपर उठकर सामाजिक और राजनीतिक अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी।
उन्होंने कहा—
“समान अवसर और न्यायपूर्ण समाज की अवधारणा पर स्व. सिंह ने कभी समझौता नहीं किया.”
गरीब छात्रों के लिए जीवन समर्पित— शिक्षक संघ सचिव
शिक्षक संघ के सचिव नागेंद्र सिंह ने स्व. सिंह की कार्यशैली और उनके सामाजिक योगदान को याद करते हुए कहा कि स्मृति संस्थान द्वारा गरीब एवं जरूरतमंद छात्रों को शैक्षणिक और आर्थिक सहयोग उपलब्ध कराना वास्तव में उनके विचारों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है।
जेपी आंदोलनकारियों, धर्मशाला सेवा एवं समाजवाद में उल्लेखनीय योगदान
एडवोकेट मुज्जफर जमाल ने कहा कि स्व. सिंह सामाजिक और राजनीतिक आंदोलनों से प्रत्यक्ष रूप से जुड़े थे।
उन्होंने बताया—
“जेपी आंदोलनकारियों को पेंशन लागू करवाने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही। इसके अलावा बिहार श्री धर्मशाला के जीर्णोद्धार कार्य में उनके प्रयासों को भुलाया नहीं जा सकता।”
जमाल ने यह भी कहा कि वे पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चंद्रशेखर के सहयोगी के रूप में समाजवाद के सिद्धांतों को जमीन तक ले जाने वाले सक्रिय कार्यकर्ता थे।
श्रद्धासुमन अर्पित कर दी भावपूर्ण विदाई
श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित सभी लोगों ने स्व. प्रो. विनोद के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
कार्यक्रम में कुणाल सिंह, अरुण सिंह, सुनील शर्मा, संजय झा, शखीचंद तांती, राजीव भदानी, लक्ष्मीनारायण शर्मा, धनंजय कुमार, प्रेम जी सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित थे।
अंत में सभी ने संकल्प लिया कि स्व. सिंह के विचारों, नैतिक मूल्यों और शिक्षा के प्रति समर्पण को समाज में आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास जारी रखेंगे।




