साहित्य

शरद ऋतु

डा राजेश तिवारी मक्खन

मदन मान मर्दन किया मनमोहन ने आज ।
महा रास करने चले लेकर के सब साज ।।
दई चुनौती काम को गोपिन संग घनश्याम ।
कालिंदी के तीर पर , किया रास निष्काम ।।
पूने आश्विन मास की खिले अनेकों फूल ।
कमल कुमुद दोनों खिले जमुना जी के कूल ।।
दो गोपिन के मध्य में प्रगटे श्री घनश्याम ।
नृत्य किया ब्रज में मधुर लीला की अभिराम ।।
सब ऋतुओं के सुमन जब किले रात में आन ।
शीतल मंद सुगंध भी वायु वही महान ।।
अप्राकृतिक दिव्य थे देह नेह स्वर्ग गान ।
सभी देव देखत रहे लीला हुई महान ।।
रस स्वरूप जो ब्रह्म है कृष्ण उसी का नाम ।
बाजी बंसी मधुर स्वर दिव्य हुए सब काम ।।

डा राजेश तिवारी मक्खन
झांसी उ प्र

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!