
एक प्रेरणादायी ग़ज़ल
किसी के मुस्कराहट की वजह बनो,
हर दिल की मोहब्बत की वजह बनो।
परेशां है ग़म से जहां के लोग,
दुआओं की राहत की वजह बनो।
न मिले कोई सहारा, न संबल जहाँ,
तुम असहाय जनों के जीने की वजह बनो।
ना चाहो किसी से ज़रा भी फ़ायदा,
बस दया और ममता की वजह बनो।
खुशियों के हर रंग में शामिल रहो,
किसी की हँसी की भी वजह बनो।
न दुनिया से लो कुछ पाने की चाह,
हर दिल में मोहब्बत की वजह बनो।
- भागीरथ सिन्हा, दिल्ली



